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हिंदी में प्रश्नपत्र के ऐलान से डुवार्स के हिंदीभाषी गदगद

नागराकाटा. राज्य शिक्षा विभाग द्वारा 11 वीं और 12 वीं के हिंदी माध्यम के विद्यार्थियों के लिये हिंदी में प्रश्नपत्र देने की घोषणा के बाद डुवार्स के हिंदी विद्यालयों के शिक्षक शिक्षिकाओं एवं छात्र वर्ग में खुशी की लहर है. उल्लेखनीय है कि हिंदी में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक की परीक्षाओं के प्रश्न पत्र हिंदी […]

नागराकाटा. राज्य शिक्षा विभाग द्वारा 11 वीं और 12 वीं के हिंदी माध्यम के विद्यार्थियों के लिये हिंदी में प्रश्नपत्र देने की घोषणा के बाद डुवार्स के हिंदी विद्यालयों के शिक्षक शिक्षिकाओं एवं छात्र वर्ग में खुशी की लहर है. उल्लेखनीय है कि हिंदी में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक की परीक्षाओं के प्रश्न पत्र हिंदी में देने की मांग को लेकर डुवार्स सहित उत्तर बंगाल में वृहद स्तर पर आंदोलन हुए थे. यह आंदोलन वाममोर्चा के कार्यकाल में ही शुरु हुआ था. उस समय की राज्य सरकार ने माध्यमिक में कुछ विषयों के प्रश्नपत्र दिये जाने लगे थे.

लेकिन राज्य में ममता सरकार के आने के बाद माध्यमिक के प्रश्न पत्र हिंदी में आने लगे थे. बानरहाट में हिंदी कॉलेज की स्थापना ममता सरकार का हिंदी भाषी समुदायों के हक में उल्लेखनीय कदम है. उसके बाद से उच्च माध्यमिक के प्रश्नपत्र भी हिंदी में देने की मांग हो रही थी. इस बार राज्य सरकार ने इस मांग को पूरा करते हुए इस वर्ष से 11 वीं और 12 वीं कक्षा के प्रश्न पत्र हिंदी में देने की घोषणा के बाद शिक्षा जगत से जुड़े लोगों और छात्र समुदाय ने राज्य शिक्षा विभाग और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रति आभार जताया है.


लुकसान स्थित लाल बहादुर शास्त्री स्मारक बंगला-हिंदी विद्यालय के भारप्राप्त शिक्षक जनार्दन थापा ने राज्य सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए इसके लिये धन्यवाद दिया है. उन्होंने कहा कि उच्च माध्यमिक की परीक्षा में हिंदी में प्रश्न पत्र आने से बहुत अच्छा होगा. उन्हें खुशी है कि वर्तमान सरकार लोगों को गणतांत्रिक सुविधा प्रदान कर रही है. पहले जिस विषय में संघर्ष करना पड़ता था वह आज सहज रुप से मिल रहा है.
कालचिनी हिंदी उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधान शिक्षक सुनील कुमार ने भी राज्य सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि सरकार का यह एक सराहनीय कार्य है. माध्यमिक के प्रश्नपत्र हिंदी में आने से विद्यार्थियों का पास प्रतिशत बढ़ गया है. अब उच्च माध्यमिक में भी यह पास प्रतिशत बढ़ेगा.

बानरहाट बालिका परिमल हिंदी उच्च विद्यालय के प्रधान शिक्षक चंद्र शेखर प्रसाद ने कहा कि उच्च माधयमिक में हिंदी में प्रश्न पत्र आने से विद्यार्थियों को काफी राहत मिलेगी. विद्यार्थी अंग्रेजी शब्द से ही डरते हैं इसलिए वे अंग्रेजी के प्रश्नपत्र के उत्तर सही तरीके से नहीं दे पाते थे. अब यह असुविधा नहीं होगी.
वीरपाड़ा महावीर हिंदी उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधान शिक्षक डॉ. शिव शंकर साह ने कहा कि राज्य सरकार के इस कदम की जितनी भी प्रशंसा किया जाए कम है.
आदर्श विद्या मंदिर बानरहाट के प्रधान शिक्षक वीरेन्द्र कुमार साह ने उच्च माध्यमिक में हिंदी में प्रश्न पत्र आने का स्वागत किया है.जब से राज्य में ममता सरकार आई है तब से सभी भाषाओं को एक समान मर्यादा मिलना शुरू हुआ है. अब कॉलेज में भी विद्यार्थियों को हिंदी में प्रश्न पत्र दिया जाए तो हिंदी भाषी छात्रवर्ग के लिए बेहतर होता. नागराकाटा ब्लॉक के भारत भूटान सीमा पर स्थित चेंगमारी उच्च विद्यालय के प्रधान शिक्षक शिव कुमार झा ने कहा कि विद्यार्थी काफी दिनों से हिंदी प्रश्न पत्र की मांग करते हुए आंदोलन कर रहे थे जो आज पूरा हुआ. यह पश्चिम बंगाल में रहने वाले करनेवाले समस्त हिंदी भाषियों के लिए गर्व का विषय है. इसके लिए आंदोलन करनेवाले विद्यार्थी बधाई के पात्र हैं. उच्च माध्यमिक में प्रश्न पत्र हिंदी में आने से विद्यार्थियों का पास प्रतिशत बढ़ जायेगा. यहां उल्लेखनीय है कि वाम मोरचा सरकार के समय हिंदी में प्रश्न पत्र देने की मांग को लेकर सिलीगुड़ी सहित पूरे उत्तर बंगाल में जोरदार आंदोलन हुआ था. तत्कालीन सरकार द्वारा आंदोलनकारियों के खिलाफ मुकदमे भी दर्ज किये गए थे. अभी भी मुकदमा कायम है.

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