सरकारी कर्मचारियों को पूरे दिन कार्यालय में उपस्थित रहनेवालों को ही यह विशेष सुविधा मिलेगी. अन्यथा समय के अनुपात में उन्हें भुगतान दिया जायेगा. अध्यादेश के मुताबिक इन छुट्टियों के लिए आवेदन मार्च 2018 तक करना होगा.
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पहाड़ बंद में गैरहाजिर रहे कर्मियों को मिलेगा वेतन पहाड़ बंद में गैरहाजिर रहे कर्मियों को मिलेगा वेतन
दार्जिलिंग: पहाड़ में कार्यरत जीटीए और राज्य के सरकारी कर्मचारियों और शिक्षकों के लिए शुभ समाचार है. राज्य सरकार तीन माह के बंद के दौरान कार्यालय और स्कूलों से अनुपस्थित रहनेवाले जीटीए के कर्मचारियों और शिक्षक-शिक्षिकाओं को उनका पूरा वेतन देने पर राजी हो गयी है. जीटीए के कर्मचारियों को सरकारी प्रावधान के मुताबिक गैरहाजिरी […]
दार्जिलिंग: पहाड़ में कार्यरत जीटीए और राज्य के सरकारी कर्मचारियों और शिक्षकों के लिए शुभ समाचार है. राज्य सरकार तीन माह के बंद के दौरान कार्यालय और स्कूलों से अनुपस्थित रहनेवाले जीटीए के कर्मचारियों और शिक्षक-शिक्षिकाओं को उनका पूरा वेतन देने पर राजी हो गयी है. जीटीए के कर्मचारियों को सरकारी प्रावधान के मुताबिक गैरहाजिरी की अवधि को उनके स्पेशल लीव और मेडिकल लीव में समायोजित कर उन्हें तीन माह का वेतन दिया जायेगा. जीटीए के कार्यवाहक चेयरमैन विनय तमांग ने मंगलवार को प्रेस विज्ञप्ति के जरिये बताया है कि राज्य सरकार के मुख्य सचिव ने अध्यादेश जारी कर यह फैसला लिया है.
जानकारी अनुसार इसी तरह जीटीए क्षेत्र के सरकारी स्कूलों के शिक्षक-शिक्षिकाओं को तीन माह का वेतन मिलेगा, लेकिन इसकी शर्त रहेगी कि उन्हें बकाया सिलेबस को शीतावकाश में अतिरिक्त कक्षाएं लेकर पूरा करना होगा. इसी तरह बंद के दौरान कार्यालय नहीं जानेवाले कर्मचारियों की छुट्टियों को उनके स्पेशल व मेडिकल लीव में समायोजित कर भुगतान किया जायेगा, जबकि कार्यालय जाने वाले कर्मचारियों को उसी आधार पर 15 रोज की कैजुअल छुट्टी दी जायेगी.
विनय ने किया स्वागत, सीएम को दिया धन्यवाद
चेयरमैन विनय तमांग ने विज्ञप्ति में कहा है कि बंद के दौरान कार्यालय नहीं जा सकनेवाले कर्मचारियों को काफी आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ रहा था. इसीलिए उन्होंने पिंटेल विलेज में आयोजित द्विपक्षीय वार्ता में राज्य सरकार के समक्ष उक्त मांग रखी थी, जिसे राज्य सरकार ने मंजूर कर लिया है. विनय तमांग ने राज्य सरकार की इस फौरी कार्यवाही का स्वागत करते हुए कहा है कि इसके लिए राज्य सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी धन्यवाद की पात्र हैं. पहाड़ की जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हिंसक आंदोलनों से और कुछ मिले चाहे नहीं, लेकिन जो मिलनेवाला है, उससे भी हम वंचित हो जाते हैं. इसीलिए अब से हमें लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण तरीका अपनाते हुए पहाड़ में शांति-व्यवस्था के लिए प्रयत्नशील होना चाहिए.
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