सिलीगुड़ी : एक बच्चे की मौत को लेकर उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में तनाव फैल गया है. मृतक के परिजनों ने अस्पताल अधीक्षक का घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया. अस्पताल अधीक्षक मैत्रेयी कर ने दस दिनों के मामले की जांच करने एवं दोषी डॉक्टरों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया. इसके बाद परिजन शांत हुए और अस्पताल का माहौल भी समान्य हुआ.
प्राप्त जानकारी के अनुसार गत मंगलवार को हाथीघिसा के आठ वर्षीय अनुज उरांव को हाथ में दर्द की शिकायत थी. परिजनों ने उसे मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में भर्ती कराया. दूसरे दिन उसके हाथ का ऑपरेशन किया गया. इसके बाद से उसकी हालत बिगड़ने लगी एवं शाम को उसने दम तोड़ दिया. इस बच्चे की मां वासंती उरांव ने बताया कि कई दिनों से अनुज के हाथ में दर्द था.
18 नवंबर को खेलते हुए वह गिर गया था. इसके बाद से उसके हाथ में दर्द की शिकायत थी. पहले नक्सलबाड़ी प्राथमिक चिकित्सा केंद्र में उसका इलाज कराया गया. जहां से उसे मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया. मंगलवार को अनुज को उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में भर्ती कराया गया.
बुधवार सुबह उसके हाथ का ऑपरेशन हुआ. ऑपरेशन के बाद से ही अनुज के हाथ से खून निकलना जारी था. आरोप है कि डॉक्टरों को इसकी जानकारी देने के बवजूद उन्होंने ध्यान नहीं दिया. धीरे-धीरे अनुज बेहोश होने लगा. मृतक के पिता राजेश उरांव की शिकायत है कि सुबह नौ बजे ऑपरेशन हुआ. उसके बाद दोपहर तक कोई डॉक्टर उसे देखने नहीं आया. बाद में उसकी मौत हो गई. मृतक के परिजन की ओर से दिवाकर सरकार ने बताया कि केवल हाथ के ऑपरेशन में बच्चे की मौत होना चिंता का विषय है. मेडिकल कॉलेज अस्पताल केवल दिखावा है परिसेवा सही नहीं है. अस्पताल अधीक्षक से आश्वासन मिला है. देखते हैं क्या कार्रवाई होती है. इसके बाद अगला कदम उठाया जाएगा. उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज के पचास वर्ष पूरे होने पर अनुज का जीवन दान स्मरणीय रहेगा.
इस संबंध में उत्तर बंग मेडिकल कॉलेज व अस्पताल कीअधीक्षक मैत्रेयी कर ने बताया कि बच्चे की मौत की घटना से हमें दुखी हैं. इस घटना की विभागीय जांच की जाएगी. दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा. जांच के लिए दस दिनों के अंदर कमेटी गठित की जाएगी. इसके अलावा उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज के स्वर्ण जयंती कार्यक्रम के साथ बच्चे की मौत का कोई संबंध नहीं है. कार्यक्रम में केवल छात्र-छात्राएं ही थे, चिकित्सक नहीं थे.