कोलकाता.
हाइकोर्ट में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी की ओर से वकील सौम्या मजूमदार, अनीश मुखर्जी, तरुणज्योति तिवारी और बिलबादल भट्टाचार्य पेश हुए. राज्य का प्रतिनिधित्व वकील कल्याण बनर्जी, स्वपन बनर्जी और अर्क नाग ने किया. केंद्र की ओर से वकील नीलांजन भट्टाचार्य और सिद्धार्थ लाहिड़ी पेश हुए. शुभेंदु अधिकारी के वकील सौम्या मजूमदार ने कहा कि मुर्शिदाबाद में आंतरिक अशांति है. वहां के लोग हिंसा के बाद से सहमे हुए हैं. खुद काे असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. मुर्शिदाबाद सीमावर्ती क्षेत्र है. यह बहुत संवेदनशील इलाका है. अगर राज्य में किसी भी भयावह घटना के कारण लोगों की सुरक्षा बाधित होती है, खासकर सीमावर्ती इलाकों में, तो आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना केंद्र की जिम्मेदारी है. उस स्थिति में केंद्र केंद्रीय बलों की तैनाती कर सकता है. फरक्का में धुलियान नगरपालिका के वार्ड नंबर 6 में बमबाजी हुई है. स्थिति नियंत्रण से बाहर है. पुलिस इसे संभालने में विफल रही है. संविधान के अनुच्छेद 355 के अनुसार राज्य के आंतरिक मामलों में कोई समस्या होने पर केंद्र हस्तक्षेप कर सकता है. नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना आवश्यक है.” राज्य की ओर से वकील कल्याण बनर्जी ने कहा कि बीएसएफ की छह कंपनियां, 1000 पुलिस कर्मी, एडीजी और डीआइजी तैनात हैं. 131 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. याचिकाकर्ता नंबर एक राज्य के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी हैं और याचिकाकर्ता नंबर दो वकील और भाजपा नेता तरुणज्योति तिवारी हैं, यह पूरी तरह से राजनीतिक साजिश है.कोर्ट के फैसले का सम्मान : शुभेंदु
हावड़ा.
हनुमान जयंती के मौके पर कमल संघ द्वारा आयोजित शोभायात्रा में पहुंचे विपक्षी दल के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि वह कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं. भाजपा नेता ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय बलों की तैनाती के लिए मुख्य सचिव और गृह सचिव को भी पत्र लिखा था, लेकिन दोनों ने कोई कदम नहीं उठाया. उन्हें मजबूरन अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा. मालूम रहे कि वक्फ कानून के खिलाफ मुर्शिदाबाद के जंगीपुर में हो रही हिंसा को लेकर भाजपा नेता ने केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की थी. शनिवार को हाईकोर्ट ने हिंसा प्रभावित इलाकों में केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दे दिया है. शोभायात्रा में शामिल भाजपा नेता लॉकेट चटर्जी ने कहा कि जंगीपुर में हिंसा सीएम ममता बनर्जी के इशारे पर हो रही है, ताकि 26 हजार शिक्षकों की नौकरी जाने वाले मुद्दा से ध्यान हट सके. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पूरी तरह जिम्मेवार है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है