बर्दवान/पानागढ़. पूर्व बर्दवान जिले के कालना की रहनेवाली विश्वस्तरीय तैराक सायनी दास ने इस बार एक और नया कीर्तिमान गढ़ा है. उसने स्पेन में अटलांटिक महासागर से भूमध्य सागर के मध्य जिब्राल्टर जलडमरूमध्य को भी तैर कर पार कर लिया है. महज तीन घंटे 51 मिनट में 15.1 किलोमीटर के जलमार्ग को उसने तैर कर पार कर लिया. सात सिंधुओं में यह छठा सिंधु पार पार कर सायनी दास ने अपनी उपलब्धियों के ताज में एक और मोती जड़ दिया. इससे समूचा देश सायनी दास पर गौरवान्वित है. इससे पहले सायनी पंचसिंधु पहले ही तैर चुकी है. इसके साथ ही सात सिंधुओं में से छह को सायनी दास ने जीत लिया है. अमेरिकी तैराक रयान हिदेकी भेट सुमी (46) और भारत की तैराक सायनी दास (26) दोनों सात महासागर जीतने के लिए अदम्य साहस के साथ लगे हुए हैं. विकट परिस्थितियों के बाद भी सायनी ने यह छठा महासागर पार किया. यह उनकी छठी सिंधु जीत थी. सायनी का एक और सिंधु जीत के लिए बाकी हैं. जिब्राल्टर जलडमरूमध्य में पानी का तापमान 17 डिग्री सेल्सियस था. इसी वर्ष 17 जनवरी को कालना की इस विश्व तैराक जलपरी सायनी दास को देश की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू तेनजिंग नोर्गे एडवेंचर अवॉर्ड से सम्मानित किया. इसके पहले इंग्लिश चैनल, रॉटनेस्ट,मोलोकाई चैनल के साथ ही सप्तसिंधु को पार किया है. मालूम हो कि सायनी दास ने गत वर्ष सप्तसिंधु को पार करने के उद्देश्य से न्यूजीलैंड के कुक स्ट्रेट चैनल को पार किया था. इससे पहले सायनी दास ने 2017 में इंग्लिश, 2018 में ऑस्ट्रेलिया की रॉटनेस्ट और 2019 में अमेरिका की कैटालिना चैनल का खिताब जीता था. इन चैनलों पर विजय प्राप्त करने के बाद 2022 में उन्होंने हवाई द्वीप के 44 किमी लंबे मोलोकाई चैनल पर विजय प्राप्त की थी. इसके बाद अब सायनी दास ने जिब्राल्टर चैनल को भी पार कर लिया है. जिब्राल्टर जलडमरूमध्य पूर्व में भूमध्य सागर को पश्चिम में अटलांटिक महासागर से जोड़ने वाली एक जलडमरूमध्य है. यह उत्तरी अफ़्रीका को दक्षिण-पश्चिमी यूरोप में इबेरियन प्रायद्वीप से अलग करता है. इस जलडमरूमध्य के उत्तर में स्पेन और ब्रिटिश शासित जिब्राल्टर हैं.और दक्षिण में अफ्रीका में मोरक्को और सेउटा नामक स्पेनिश क्षेत्र है. चैनल 60 किमी लंबा है और स्थान के आधार पर इसकी चौड़ाई 13 से 39 किमी तक है. 8 किमी चौड़ा और 300 मीटर गहरा यह चैनल है.सायनी दास का कहना है कि वह इस दिशा में लगातार प्रैक्टिस कर रही थी. जिब्राल्टर बाद अब सायनी दास सुगारू महासागर को पार करने का लक्ष्य रखा है. पिता राधेश्यम दास अपनी पुत्री की इस सफलता पर काफी खुश है.
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