- रिपोर्ट मिलने के बाद होगी कार्रवाई
- आवासों की मरम्मत का काम मार्च 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य
- अस्पतालों में सभी सुविधा उपलब्ध कराने का फैसला
- कर्मचारियों की कमी दूर करने के लिए बहाल होंगे सुपरवाइजर
- कोल इंडिया वेलफेयर बोर्ड की बैठक में हुआ फैसला
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हाउसिंग स्कीम में हुई गड़बड़ी के लिए कोल इंडिया ने बनायी जांच कमेटी
रिपोर्ट मिलने के बाद होगी कार्रवाई आवासों की मरम्मत का काम मार्च 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य अस्पतालों में सभी सुविधा उपलब्ध कराने का फैसला कर्मचारियों की कमी दूर करने के लिए बहाल होंगे सुपरवाइजर कोल इंडिया वेलफेयर बोर्ड की बैठक में हुआ फैसला सांकतोड़िया : कोलकाता में हुई कोल इंडिया वेलफेयर बोर्ड की […]
सांकतोड़िया : कोलकाता में हुई कोल इंडिया वेलफेयर बोर्ड की बैठक में कोयला कंपनियों के विभिन्न एरिया में हुए डिसेंट हाउसिंग स्कीम के तहत मकानों के रखरखाव का मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया.बैठक की अध्यक्षता कोल इंडिया के निदेशक कार्मिक एसके श्रीवास्तव ने की. इसीएल के निदेशक कार्मिक विनय रंजन सहित सभी कंपनियों से प्रमुख अधिकारी भी शामिल हुए. श्रमिक संगठनों के वेलफेयर बोर्ड सदस्य भी बैठक में उपस्थित रहे.
इसीएल के निदेशक कार्मिक विनय रंजन ने कहा कि हाउसिंग स्कीम के तहत हुए कार्यों में गड़बड़ी की शिकायतों को देखते हुए कोल इंडिया प्रबंधन ने दो जांच टीम बनाने का फैसला लिया है. डिसेंट हाउसिंग स्कीम के कार्यों की जांच के लिए बनने वाली टीम में दो यूनियन के प्रतिनिधि और एक निदेशक कार्मिक शामिल होंगे. दोनों ही टीमें अलग-अलग कंपनियों में जांच करेंगी.
क्षेत्रों का निरीक्षण कर कमेटी प्रबंधन को रिपोर्ट सौंपेगी. जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी. श्री रंजन ने कहा कि इसीएल के विभागीय कॉलोनियों में श्रमिक संगठन के पदाधिकारी व कर्मचारी मकानों के रखरखाव व कार्यों की गुणवत्ता को लेकर ठेकेदार व प्रबंधन के अधिकारियों पर सवाल उठाते रहे हैं जिन कर्मियों के आवास की मरम्मत हुई है अगर कार्य में किसी तरह की शिकायत है तो वे इसीएल प्रबंधन से कर सकते हैं.
उस आवास की जांच की जाएगी अगर गड़बड़ी मिली तो निश्चित रूप से कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि कोल इंडिया की सभी सहायक कंपनियों में ओवरसियर की कमी है. जिसके कारण कार्य में कठिनाई हो रही है. इसीएल में कई ओवरसियर के पद पर बहाली की गई है. बाकी जो भी कमी है, उसको जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि इसीएल में लगभग 35500 आवासों की मरम्मत होना था, जिसमें से 90 फीसदी काम हो चुका है. बचे हुए काम को मार्च 2020 तक पूरा कर दिया जायेगा. वेलफेयर बोर्ड के सदस्यों ने कहा कि कई क्षेत्रों में कर्मचारी अधूरे काम और डिसेंट हाउसिंग के नाम पर खानापूर्ति का आरोप लगाते रहे हैं.
कोल इंडिया वेलफेयर बोर्ड की बैठक में भी सदस्यों की ओर प्रमुखता से यह मुद्दा उठाया था. कोल इंडिया वेलफेयर बोर्ड की बैठक में स्वास्थ्य सेवाओं का भी मुद्दा भी उठाया गया. जिसमें तय किया गया कि अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए और जरूरी कदम उठाए जाएंगे.
अस्पताल में दवाईयों की कमी दूर करने, सभी कंपनियों के पैरामेडिकल स्टॉफ, लैब टेक्नीशियन, बीएलएस एंबुलेंस की कमी दूर करने और एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम से लैस एंबुलेंस खरीदने का निर्णय लिया गया है.
इसी तरह ठेका कर्मचारियों और उनके परिवार को कंपनी के अस्पतालों में इंडोर व ओपीडी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. कामगारों के कल्याण के लिए और भी कदम उठाए जाएंगे. कोयला कंपनियों में कर्मचारियों की संख्या घट रही है. इसका कामकाज पर असर पड़ रहा है.
इसे देखते हुए सभी कंपनियों में सिविल ओवसीज, सुपरवाइजरों की कमी को दूर करने के लिए जल्द ही योग्य उम्मीदवारों की कंपनी में बहाली होगी. इसका फैसला लिया गया. वर्तमान में कोल इंडिया में अधिकारी कर्मचारियों की संख्या 2.85 लाख है. कर्मचारी अब तेजी से कम हो रहे हैं.
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