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बंगाली समाज में जमाई षष्ठी की रही बहार घर-घर में जमाई राजा की हुई खातिरदारी
दुर्गापुर : दुर्गापुर व इसके आसपास के इलाके में बांग्लाभाषियों का परंपरागत लोक पर्व जमाई षष्ठी मंगलवार को उल्लास के साथ मनाया गया. बंगाली समाज में जमाई षष्ठी की बहार रही. घर-घर में जमाई राजा की खातिरदारी हुई. सास ने अपने दामाद की सेवा की. शहर की कई बेटियां अपने मायके पहुंचीं, तो कई दामाद […]
दुर्गापुर : दुर्गापुर व इसके आसपास के इलाके में बांग्लाभाषियों का परंपरागत लोक पर्व जमाई षष्ठी मंगलवार को उल्लास के साथ मनाया गया. बंगाली समाज में जमाई षष्ठी की बहार रही. घर-घर में जमाई राजा की खातिरदारी हुई. सास ने अपने दामाद की सेवा की. शहर की कई बेटियां अपने मायके पहुंचीं, तो कई दामाद बाहर गए. इस दिन नए वस्त्र धारण कर तथा मिठाई, वस्त्र व उपहार लेकर दामाद ससुराल पहुंचे.
यहां सास ने उनका पारंपरिक तरीके से स्वागत किया. दामाद को टीका लगाकर आरती भी की गई. वहीं ससुराल में दामाद के समक्ष स्वादिष्ट व्यजंन परोसे गये, इनमें प्रसिद्ध हिल्सा मछली से लेकर विभिन्न प्रकार की मिठाइयां भी शामिल थीं. जमाई षष्ठी को लेकर मंगलवार को पूरे दिन शहर के विभिन्न इलाके में गहमागहमी रही. विभिन्न मिठाई, फल व उपहार की दुकानों में लोगों की अच्छी खासी भीड़ रही. जमाई षष्ठी का त्योहार दामाद को मान-सम्मान व आदर-सत्कार करने के लिए मनाया जाता है.
ससुराल पक्ष का पूरा परिवार लुत्फ उठाता है. मंगलवार को सुबह स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद बंगाली परिवारों में सास ने दामाद के साथ षष्ठी पूजा की. इसमें विधि-विधान से मां दुर्गा की पूजा की गई. मां दुर्गा को पांच प्रकार के फल चढ़ाये गये. बंगाली दंपती ने कालीबाड़ी और दूसरे मंदिरों में सुबह से दोपहर तक पूजा की. पूजा के बाद सास ने पंखे से दामाद के लिए हवा करने की रस्म निभायी. जमाई के हाथ में पीला रक्षा सूत्र बांधा. दोपहर के खाने में दामाद को हिलसा मछली, मलाई चिंगड़ी, विभिन्न प्रकार की मिठाइयां, मिष्टी दही सहित अनेक प्रकार के व्यंजन परोसे गये. परिवार के सभी लोगों ने इन लजीज व्यंजनों का आनंद लिया. शाम में ससुरालवालों के साथ जश्न मनाया. पूरा दिन आंनद और मस्ती के साथ बीता. सास ने दामाद को कपड़े, पैसे आदि उपहार में दिये तो दामाद ने भी अपनी सास को क्षमता के मुताबिक उपहार दिया.
उमड़ी मंदिरों में भीड़: बंगाली समुदाय के त्योहार जमाई षष्ठी के मौके पर विभिन्न मंदिरों में मंगलवार महिलाओं की भीड़ जमा हुई. सभी ने कतारबद्ध होकर पूजा-अर्चना कर परिवार की सुख शांति की कामना की. उल्लेखनीय है कि जमाई षष्ठी का पर्व खासकर बंगाली समुदाय में मनाया जाता है. घर के दामाद को आमंत्रित कर उनका सेवा की जाती है.
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