किशनगंज जिले के बहादुरगंज के रहने वाले चिकित्सक रंजन कुमार सरकार ने जलपाईगुड़ी सीडब्ल्यूसी में एक शिकायत भी दर्ज करायी है. उनका आरोप है कि गोद देने के लिए अधिकृत संस्था कारा द्वारा निर्देश दिये जाने के बाद भी चंदना चक्रवर्ती द्वारा शिशु नहीं दिया गया जबकि आवश्यक पैसे वह चंदना चक्रवर्ती को जमा करा चुके हैं. पेशे से डॉक्टर रंजन कुमार सरकार ने बताया है कि साल 2014 में उन्होंने तथा उनकी पत्नी दुर्गा रानी सरकार ने एक बच्चा गोद लेने के लिए सेंट्रल एडप्शन रिसोर्स अथोरिटी (कारा) में अपील की. अपील करने के कुछ महीने बाद कारा से उन्हें चिट्ठी मिली, जिसमें उन्हें बच्चा गोद लेने के लिए कारा अनुमोदित जलपाईगुड़ी के नॉर्थ बंगाल पीपल्स एडप्शन सेंटर के अधीन एडप्शन एजेंसी से संपर्क करने के लिए कहा गया. उसके बाद वह अपनी पत्नी के साथ जलपाईगुड़ी आये और चार नंबर गुमटी इलाके में स्थित एडप्शन एजेंसी के कार्यालय से संपर्क किया. श्री सरकार ने आगे बताया कि उन्होंने उस संगठन की चेयरपर्सन चंदना चक्रवर्ती से मुलाकात भी की.
तब चंदना चक्रवर्ती ने बताया था कि उनके घर जाकर छानबीन करनी पड़ेगी. उन्होंने तब बहादुरगंज आने जाने के लिए चंदना चक्रवर्ती को छह हजार रुपये भी दिये थे. उसके बाद उन्होंने शिशु देने पर हामी भर दी थी. एक बच्चे को दिखाया भी गया. इस घटना के बाद वर्ष 2016 में चंदना चक्रवर्ती ने और भी पैसे मांगे. उन्होंने 26 मार्च 2016 को 40 हजार रुपये तथा उसी साल 4 अक्टूबर को 60 हजार रुपये चंदन चक्रवर्ती को दिये. उन्होंने कहा था कि पैसा देने का सरकारी नियम है. पैसे जमा होने के दो महीने बाद बच्चा गोद लिया जायेगा.
श्री सरकार ने आरोप लगाते हुए कहा कि कारा के निर्देश के बाद भी बच्चा अब तक गोद नहीं मिला है. उलटे एक लाख रुपये से अधिक चंदना चक्रवर्ती ने हड़प लिये. समाचार पत्रों में जब शिशु कांड तस्करी की खबर उन्होंने पढ़ी, तब पूरे मामले का पता चला. उसके बाद ही वह चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) में शिकायत दर्ज कराने आये. इधर, इस संबंध में जलपाईगुड़ी सीडब्ल्यूसी के सदस्य सुबोध भट्टाचार्य ने कहा है कि उन्हें बिहार के बहादुरगंज के रहने वाले रंजन कुमार सरकार से एक लिखित शिकायत मिली है. अधिकारियों को शिकायत भेज दी जायेगी.