उसके बाद से चालक के साथ संपर्क नहीं हो पा रहा था. राजस्थान की पार्टी भी सिलीगुड़ी व्यवसायी के साथ संपर्क कर रही थी. काफी छानबीन करने के बाद 29 मार्च को गाड़ी फूलबाड़ी इलाके में पाया गया. लेकिन चालक फरार था. सिलीगुड़ी के व्यवसायी ने गाड़ी को सेवक रोड स्थित अपने गोदाम में लाकर भक्तिनगर थाने की पुलिस को जानकारी दी. पुलिस ने जब गाड़ी की तालाशी ली तो चायपत्ती की बोरियों के साथ गांजे की 12 बोरिया बरामद हुयी. गांजे की बोरियां देखकर व्यवसायी भी दंग है.
भक्तिनगर थाने की पुलिस ने गाड़ी सहित गांजे को जब्त कर मामले की जांच शुरु की है. पिछले कुछ महीनों में सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नरेट की न्यू जलपाईगुड़ी थाने की पुलिस ने काफी बड़े-बड़े गांजे के खेप को पकड़ा है. इसके अतिरिक्त सशस्त्र सीमा बल ने भी गांजा जब्त कर न्यू जलपाईगुड़ी पुलिस को सौंपा है. गांजा तस्करी मामले में पुलिस व एसएसबी ने कई लोगों को गिरफ्तार भी किया है. उसके बाद भी गांजा तस्कर गिरोह का सफाया नहीं हो पाया है.
तस्कर सिलीगुड़ी को एक कॉरीडोर के रूप में उपयोग कर रहे हैं. पुलिस का अनुमान है कि असम, मणिपुर और कूचबिहार से बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश सहित देश के विभिन्न भागों के लिये गांजे को सिलीगुड़ी होकर भेजा जा रहा है. पुलिस के मुताबिक गुरुवार को चायपत्ती के ट्रक से बरामद गांजा कूचबिहार से लाया गया था. पुलिस का कहना है कि यह गांजा तो सिलीगुड़ी के किसी स्थान पर ट्रक में लादा गया है.
गांजा कहां भेजा जाना था इसका पता नहीं लगा पाया है. पुलिस चालक की तालाश कर रही है.सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नर सी.एस. लेप्चा ने बताया कि ट्रक से 429 किलो 500 ग्राम गांजा बरामद हुआ है. इसकी कीमत करीब 15 लाख रूपये है. गांजे को जांच के लिये लैब भेजा जायेगा. ट्रक चालक का अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है. गांजा तस्करी के बढ़ते मामलों के संबंध में उन्होंने कहा कि गांजा तस्कर गिरोह ने काफी पांव पसारा है. एक जाल सा बनाया गया. प्रत्येक प्वाइंट पर माल को पार कराने के लिये लोग है. गुप्त सूचना के आधार पर लगातार अभियान चलाकर गांजा जब्त किया जा रहा है. सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस गांजा तस्करी के सभी मामलों की जांच प्राथमिकता के साथ कर रही है.