IED Blast In Saranda: चाईबासा-झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के सारंडा जंगल में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी ने सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से पग-पग पर आईईडी बम बिछाकर रखा है, लेकिन सुरक्षा बलों के साथ-साथ भोले-भाले ग्रामीण भी हादसे के शिकार हो रहे हैं. जंगली जानवर भी इसकी चपेट में आ जा रहे हैं. इससे उनकी मौत हो जा रही है. भाकपा माओवादी की इस साजिश से न सिर्फ सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंच रहा है, बल्कि आम लोगों के साथ-साथ हाथियों की भी जान जा रही है.
सुरक्षाबलों के साथ-साथ ग्रामीणों की भी चली गयी है जान
आठ अगस्त 2025 को आईईडी की चपेट में आने से कोबरा बटालियन के दो जवान जख्मी हो गए. वे नक्सलियों के खिलाफ एलआरपी (लांग रेंज पेट्रोलिंग) पर निकले थे. इसी दौरान आईईडी की चपेट में आ गए. ये पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी कई हादसे हो चुके हैं. नवंबर 2022 से अब तक छह सुरक्षाकर्मी आईईडी विस्फोट में शहीद हो गए हैं. दो दर्जन से अधिक घायल हुए हैं. सबसे अधिक ग्रामीणों को नुकसान उठाना पड़ा है.
अब तक करीब 22 ग्रामीण अपनी जान गंवा चुके हैं. इनमें सात साल की बच्ची भी शामिल रही है. ग्रामीण उस वक्त हादसे के शिकार हुए हैं, जब वे लकड़ी या पत्ता लेने जंगल गए या महुआ चुनने गए थे.
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सब इंस्पेक्टर हो गए थे शहीद
जरायकेला में पत्ता तोड़ने जंगल गए 41 साल के युवक की आईईडी की चपेट में आने से मौत हो गयी थी. इसके पहले मार्च में आईईडी विस्फोट की तीन घटनाएं हुईं. इनमें एक सब इंस्पेक्टर शहीद हो गए थे. पांच जवान और अफसर घायल हुए थे. जरायकेला थाना क्षेत्र में चल रहे नक्सल अभियान के दौरान कमांड आईईडी से विस्फोट किया गया था. इसमें कोबरा के जवान विष्णु सैनी और जगुआर के जवान सुनील धान घायल हो गए थे. बाद में सुनील धान का इलाज के दौरान निधन हो गया था.
सीआरपीएफ के अफसर हो गए थे शहीद
मार्च 2025 में भाकपा माओवादी ने नक्सल अभियान के दौरान छोटानागरा थाना क्षेत्र में आईईडी ब्लास्ट किया था. इसमें सीआरपीएफ के अफसर सुनील कुमार मंडल शहीद हो गए थे. पुलिस की जांच में यह बाद सामने आयी थी कि यह कमांड आईईडी था. करीब 15 मीटर दूर तार की मदद से कमांड देकर विस्फोट कराया गया था.
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हाथियों की भी जा चुकी है जान
सारंडा के जंगल में माओवादियों के लगाए आईईडी हाथियों के लिए भी जानलेवा साबित हो रहे हैं. हाल ही में छह साल की मादा हाथी की आईईडी ब्लास्ट में घायल होने के बाद मौत हो गयी थी. कुछ दिनों बाद 15 साल के हाथी की भी आईईडी ब्लास्ट में मौत हो गयी थी. एक छह साल का हाथी घायल हो गया था.
सारंडा में फिर एक्टिव हो गए भाकपा माओवादी
नक्सलियों ने खुद को बचाने के लिए हाल में अपना ठिकाना बदल लिया है. पश्चिमी सिंहभूम जिले के टोंटो को छोड़कर वे फिर सारंडा जंगल में एक्टिव हो गए हैं. इनके खिलाफ सुरक्षा बलों की ओर से लगातार सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है. इसमें कामयाबी भी मिल रही है.
भाकपा माओवादी के टॉप नेता हैं भ्रमणशील
प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के टॉप नेता मिसिर बेसरा, अनमोल, मोछु, अनल, असीम मंडल, अजय महतो, सागेन अंगरिया, अश्विन, पिंटू लोहरा, चंदन लोहरा, अमित हांसदा उर्फ अपटन, जयकांत, रापा मुंडा अपने दस्ते के साथ सारंडा और कोल्हान क्षेत्र में विध्वंसक गतिविधि के लिए भ्रमणशील हैं. पश्चिमी सिंहभूम पुलिस नक्सलियों को जड़ से खत्म करने के लिए लगातार अभियान चला रही है.
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