किरीबुरू : चार लाख रुपये के इनामी नक्सली (एसीएम कैडर) मंगल सिंह मुंडा उर्फ अलिंदर ने झारखंड-ओड़िशा की सीमा पर सरेंडर कर दिया है. तमाड़ थाना क्षेत्र (रांची) के बगोई गांव के रहने वाले इस नक्सली ने राउरकेला के एसपी के शिवा सुब्रमणी व केवी सिंह (एसपी, संबलपुर) के समक्ष सरेंडर किया.
पुलिस ने बताया कि शनिवार को नक्सलियों के खिलाफ चलाये जा रहे सर्च ऑपरेशन के दौरान अलिंदर ने ओड़िशा के गुरुंडिया थाना अंतर्गत केलो रिजर्व वन क्षेत्र के जंगल में आत्मसमर्पण किया. मंगल सिंह मुंडा अनमोल दा उर्फ समर जी के नेतृत्व वाली एसडीएस जोनल कमेटी का मारक दस्ता का सक्रिय सदस्य के साथ-साथ एक करोड़ रुपये का इनामी नक्सली मिसिर बेसरा का अंगरक्षक था.
2012 तक सारंडा-कोल्हान के जंगलों में रहा
मंगल सिंह मुंडा ने पुलिस को बताया कि वह वर्ष 2007 में जब आठ साल का था, तभी कुंदन पाहन के दस्ते में शामिल हो गया था. उसके बाद उसे सारंडा व कोल्हान के जंगल में भेज दिया गया, जहां संदीप दा और प्रशांत के नेतृत्व में हथियार चलाने का प्रशिक्षण मिला. यह इनामी नक्सली खूंटी, पोड़ाहाट, सारंडा एवं सुंदरगढ़ में लंबे अरसे तक सक्रिय रहा.
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हथियार चलाने का प्रशिक्षण लेने के बाद वह विभिन्न दस्तों के साथ बुंडू, चांडिल, कोल्हान और सारंडा में वर्ष 2012 तक रहा. वर्ष 2013 में वह अनमोल दा के नेतृत्व में ओड़िशा के सुंदरगढ़ पहुंचा. अंगुल, देवगढ़, सुंदरगढ़, संबलपुर में हुई कई मुठभेड़ में वह शामिल रहा. उसने बताया कि अनमोल के खराब व्यवहार, माओवादियों की गलत नीति से परेशान होकर आत्मसमर्पण का निर्णय लिया.