सरायकेला. जिला समाहरणालय सभागार कक्ष में सोमवार को बैक टू स्कूल कार्यक्रम के तहत उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया. प्रोजेक्ट परख के तहत आयोजित स्कूल रूआर (बैक टू स्कूल) कार्यशाला में मुख्य अतिथि डीडीसी आशीष अग्रवाल ने कहा कि रूआर का अर्थ है वापस आओ. अभियान के तहत 5 से 18 वर्ष के सभी अनामांकित बच्चों को विद्यालय में वापस लाना है. नामांकित बच्चों को अगली कक्षा में नामांकन सुनिश्चित कराते हुए नियमित उपस्थिति को बनाये रखना है. डीडीसी ने रचनात्मक प्रयासों की अपील करते हुए कहा कि विद्यालय से बाहर रहने वाले बच्चों के घर जाकर अभिभावकों को समझाएं और उन्हें जागरूक करें. डीडीसी ने कहा कि स्कूल रूआर अभियान 23 अप्रैल से शुरू हो गया, जो 10 मई तक चलेगा. इस दौरान शिक्षक बाल पंजी का अद्यतन करेंगे और विद्यालय से बाहर के बच्चों की सूची तैयार की जायेगी. उन्होंने सभी शिक्षकों, पंचायत प्रतिनिधियों और मीडिया से इस अभियान को सफल बनाने में सहयोग करने की अपील की.
स्कूल भेज बच्चों को शिक्षित करें : मधुश्री
जिला परिषद उपाध्यक्ष मधुश्री महतो ने कहा कि बच्चों को स्कूल भेजें और शिक्षित बनाएं. कोई भी बच्चा स्कूल से बहार नही हों, यह सुनिश्चित करें. अभियान में पंचायत प्रतिनिधि भी सहयोग करेंगे.
ड्राॅपआउट व अनामांकित बच्चों का नामांकन होगा: डीएसई
जिला शिक्षा अधीक्षक कैलाश मिश्रा ने बताया कि बैक टू स्कूल अभियान के तहत आंगनबाड़ी से लेकर उच्चतर विद्यालयों तक ड्रॉपआउट और अनामांकित बच्चों का नामांकन सुनिश्चित किया जायेगा. विद्यालयों को यह सुनिश्चित करना होगा कि बच्चों का उचित कक्षा में नामांकन हो. उन्होंने कहा कि शिक्षा सबका अधिकार है और यह हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे. मौके पर सरायकेला विधायक प्रतिनिधि सानद कुमार आचार्य, जिला परिषद उपाध्यक्ष मधुश्री महतो सहित अन्य कई उपस्थित थे.जागरूकता रथ रवाना किया
अभियान रूआर के तहत डीडीसी आशीष अग्रवाल ने जागरूकता रथ को रवाना किया. जागरूकता रथ गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक करेगा. बच्चों को स्कूल वापस जाने के लिए प्रेरित करेगा ताकि कोई भी पांच से 18 वर्ष तक का बच्चा स्कूल के बहार नही रहें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है