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Seraikela kharsawan News : शरद पूर्णिमा आज, खीर का प्रसाद बनाने की है परंपरा

6 अक्टूबर, सोमवार को सरायकेला-खरसावां में पवित्र शरद पूर्णिमा का उत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा.

खरसावां.

6 अक्टूबर, सोमवार को सरायकेला-खरसावां में पवित्र शरद पूर्णिमा का उत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा. शरद पूर्णिमा को रास पूर्णिमा भी कहा जाता है. मान्यता है कि इस दिन लक्ष्मी-नारायण की पूजा से समृद्धि प्राप्त होती है. धार्मिक आस्था के अनुसार, इस दिन किए गए सभी धार्मिक अनुष्ठान ईश्वर द्वारा स्वीकार किए जाते हैं. क्षेत्र में शरद पूर्णिमा पर विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान और कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की पूजा के साथ-साथ सत्य नारायण व्रत कथा का आयोजन भी किया जाता है. इस दिन सर्दियों की शुरुआत मानी जाती है.

शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से युक्त होकर धरती पर अमृत की वर्षा करता है. पुराणों के अनुसार, चंद्रमा की किरणों में अमृत बूंदें होती हैं. पूर्णिमा की रात को खीर बनाकर उसे पूरी रात चंद्रमा की रोशनी में रखा जाता है और सुबह प्रसाद स्वरूप ग्रहण किया जाता है. यह माना जाता है कि चंद्रमा की रोशनी में रखी गयी खीर खाने से शरीर से रोग दूर होते हैं. इम्युनिटी बढ़ती है.

शरद पूर्णिमा का धार्मिक महत्व

शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन किए गए अनुष्ठान अवश्य सफल होते हैं. मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने इस दिन गोपियों के साथ महारास रचा था. यह व्रत विशेष रूप से लक्ष्मी प्राप्ति के लिए रखा जाता है. शरद पूर्णिमा की रात जागरण करने वालों की धन-संपत्ति में वृद्धि होती है.

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