– बाढ़ का खतरा अब भी बरकरार-2011 में बाढ़ से हुई थी भारी तबाही-एनएच पर कटाव का भी खतरा -आपदा प्रबंधन विभाग को करनी होगी पुख्ता तैयारीसंवाददाता, साहिबगंजजिला को तकरीबन हर साल बाढ़ व सुखाड़ जैसी प्राकृतिक आपदा से लोगों को जूझना पड़ता है. झारखंड में साहिबगंज एक मात्र जिला है जहां से होकर गंगा गुजरती है. गंगा व गुमानी नदी से सटे तटीय क्षेत्रों में घनी आबादी होने की वजह से हर साल बरसात में गंगा का जलस्तर में बढ़ोतरी होने के साथ ही बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है. बिहार व पश्चिम बंगाल की सीमा से होते हुए करीब 83 किलोमीटर लंबी तटीय सीमा है. बाढ़ से सर्वाधिक नुकसान साहिबगंज, राजमहल, उधवा, बरहरवा प्रखंड को होता है. 2011 में जिला में बाढ़ ने काफी तबाही मचायी थी. बाढ़ की स्थिति में महाराजपुर से राजमहल तक बीस किलोमीटर लंबा एनएच-80 बाढ़ के पानी में डूब जाता हैं. गंगा कटाव की वजह से एनएच पर कटाव का भी खतरा रहता है. प्रतिनिधियों को मिलेगा प्रशिक्षणसरकार से मिले निर्देश के आलोक में जिला प्रशासन अब ग्रामीण स्तर पर आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण देने की योजना बना रही है. इसके तहत पंचायत प्रतिनिधियों के अलावा ग्रामीणों को भी आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जायेगा. भूकंप का खतरा, प्रशासन सतर्क यूं तो साहिबगंज जिला में भूकंप के दृष्टिकोण से फोर्थ कटैगरी में आता है. इस वजह से इस क्षेत्र में भूकंप का खतरा अपेक्षाकृत कम है. लेकिन 2011, 2015 से साहिबगंज जिला में तीन से आठ बार भूकंप के झटके महसूस किये जाने से अब जिला प्रशासन इसको लेकर गंभीर नजर आ रहा है. वैसे साहिबगंज स्थित सिदो-कान्हू स्टेडियम में भूकंप मापक कार्यालय है. सूत्रों की मानें तो कभी कभार ही कार्यालय खुलता है.
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ओके…. ग्रामीणों को दिया जायेगा आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण
– बाढ़ का खतरा अब भी बरकरार-2011 में बाढ़ से हुई थी भारी तबाही-एनएच पर कटाव का भी खतरा -आपदा प्रबंधन विभाग को करनी होगी पुख्ता तैयारीसंवाददाता, साहिबगंजजिला को तकरीबन हर साल बाढ़ व सुखाड़ जैसी प्राकृतिक आपदा से लोगों को जूझना पड़ता है. झारखंड में साहिबगंज एक मात्र जिला है जहां से होकर गंगा […]
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