भगवान जगन्नाथ को लगाया गया गुंडिचा भोग, वर्ष में एक दिन भगवान को विशेष भोग किया समर्पित
भगवान को खीर, खिचड़ी और सब्जी एक साथ परोसी गयी
रांची. भगवान जगन्नाथ नौ दिन के प्रवास के बाद रविवार यानी छह जुलाई को मुख्य मंदिर लौट जायेंगे. इस पावन अवसर को घुरती रथयात्रा कहा जाता है, जो आस्था, परंपरा और उल्लास का प्रतीक है. इससे एक दिन पूर्व शनिवार को गुंडिचा मंदिर में संध्या पूजन का विशेष आयोजन किया गया, जिसमें भगवान को विशिष्ट भोग अर्पित किया गया. परंपरा के अनुसार, इस दिन भगवान को खीर, खिचड़ी और सब्जी एक साथ परोसी जाती है. वर्ष में यही एकमात्र अवसर होता है जब यह विशेष भोग समर्पित किया जाता है. सेवादारों द्वारा तैयार इस भोग के बाद मंदिर परिसर में भव्य महाआरती की गयी. इसमें सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए.घुरती रथ मेला कार्यक्रम का विवरण
सुबह 5:00 बजे : सुप्रभातम सुबह 6:00 बजे : आरती और सर्वदर्शनसुबह 8:00 बजे : अन्न भोग
दोपहर 2:50 बजे : दर्शन बंद, सभी विग्रहों का रथ के लिए प्रस्थानदोपहर 3:00 बजे तक : भगवान का रथ पर शृंगारदोपहर 3:05 बजे से रथ पर श्री विष्णु सहस्त्रनाम, स्तोत्र, आरती, श्रीजगन्नाष्टकम और श्रीमद्भगवद्गीता के द्वादश अध्याय का पाठशाम 4:00 बजे : रथयात्रा का मुख्य मंदिर के लिए प्रस्थान
शाम 5:00 बजे तक : रथ का मंदिर पहुंचनाशाम 5:00-6:00 बजे तक : रथ पर महिलाओं के लिए विशेष दर्शनशाम 6:00 बजे : सभी विग्रहों का रथ से मुख्य मंदिर में प्रवेशरात 7:00 बजे तक : विग्रहों का मंदिर में प्रतिष्ठापन
रात 8:00 बजे : 108 दीपों से मंगलआरती, विशेष भोग, मंदिर पट बंदडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

