पूरे मुहल्ले में मातम : इससे पहले जब उमेश का शव उनके घर पहुंचा तो पूरे मुहल्ले में मातम पसर गया. उनकी पत्नी चंद्रमणि कच्छप का रो-रोकर बुरा हाल था़ वह बार-बार बेहोश हो जा रही थीं. पुत्र विवेक, विभांशु व पुत्री विजेता भी बिलख रहे थे. परिवार का हाल देख वहां मौजूद लोगों की भी आंखे नम हो गयीं. उनके घर से मसना स्थल की दूरी करीब दो किलोमीटर थी. घर से लेकर मसना तक की अंतिम यात्रा में शामिल लोगों की आंखों से लगातार आंसू बह रहे थे.
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तोपचांची इंस्पेक्टर की मौत का मामला: सीएम रघुवर दास ने दिया आदेश कैबिनेट सचिव व एडीजी करेंगे जांच, आरोपी अफसर हटाये गये
रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बाघमारा डीएसपी नजरुल होदा, हरिहरपुर अंचल इंस्पेक्टर डीके मिश्रा और हरिहरगंज थाना प्रभारी संतोष रजक को धनबाद से हटाने का आदेश दिया है. तीनों अधिकारियों को पुलिस मुख्यालय में योगदान देने काे कहा गया है. मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय कच्छप के परिजनों को तत्काल 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने […]
रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बाघमारा डीएसपी नजरुल होदा, हरिहरपुर अंचल इंस्पेक्टर डीके मिश्रा और हरिहरगंज थाना प्रभारी संतोष रजक को धनबाद से हटाने का आदेश दिया है. तीनों अधिकारियों को पुलिस मुख्यालय में योगदान देने काे कहा गया है. मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय कच्छप के परिजनों को तत्काल 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने और उनकी पत्नी को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने की घोषणा की है. मुख्यमंत्री 20 जून को मृतक के परिजनों को अनुग्रह राशि का चेक सौंपेंगे. यह सहायता स्व कच्छप के परिजनों को मिलनेवाली अन्य सहायता से अलग होगी.
शव के साथ सीएम आवास पर प्रदर्शन : इससे पहले रविवार को सुबह 10.30 बजे मृतक उमेश कच्छप के परिजन उनका शव लेकर रविवार को सीएम आवास पहुंचे. परिजन व ग्रामीणों ने ढाई घंटे तक सीएम आवास के गेट पर सड़क को जाम कर दिया.
परिजनों और ग्रामीणों ने उमेश कच्छप की मौत की निष्पक्ष जांच का अनुरोध मुख्यमंत्री से किया था. मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार ने मृतक के परिजनों से वार्ता कर उनका पक्ष सुना और मुख्यमंत्री को अवगत कराया. मुख्यमंत्री ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मानवीय आधार पर तत्काल मृतक के परिजनों के लिए मुआवजे और अनुकंपा नियुक्ति का आदेश जारी किया और उन्होंने तत्काल इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच के लिए उच्चस्तरीय समिति के गठन का निर्देश दिया.
राजकीय सम्मान के साथ हुई अंत्येिष्ट
इंस्पेक्टर उमेश कच्छप के शव काे नगड़ी कब्रिस्तान में राजकीय सम्मान के साथ दफनाया गया. पर अंतिम यात्रा में में ग्रामीण एसपी काे छाेड़ काेई बड़ा अफसर शामिल नहीं हुआ. विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव शामिल हुए. पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा भी परिजनाें से मिले. देर शाम डीजीपी डीके पांडेय सीनियर अफसराें के साथ स्व कच्छप के आवास पर पहुंचे आैर परिजनाें से मुलाकात की.
हाइ सिक्यूरिटी एरिया में प्रदर्शन
सीएम आवास हाइ सिक्यूरिटी जाेन में आता है. वहां जाम आैर प्रदर्शन देख कर एसडीआे भड़क गये. पुलिस से पूछा, शव लेकर परिजन कैसे पहुंच गये यहां.
परिजन बाेले : अफसरों ने प्रताड़ित किया
परिजनों ने बताया : धनबाद एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा, डीएसपी मजरूल होदा, थाना प्रभारी हरिहरपुर संतोष रजक और इंस्पेक्टर डीके मिश्रा द्वारा उमेश कच्छप को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था. इसी वजह से उनकी मौत हुई है.
राजकीय सम्मान के साथ हुई अंत्येिष्ट
इंस्पेक्टर उमेश कच्छप के शव काे नगड़ी कब्रिस्तान में राजकीय सम्मान के साथ दफनाया गया. पर अंतिम यात्रा में में ग्रामीण एसपी काे छाेड़ काेई बड़ा अफसर शामिल नहीं हुआ. विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव शामिल हुए. पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा भी परिजनाें से मिले. देर शाम डीजीपी डीके पांडेय सीनियर अफसराें के साथ स्व कच्छप के आवास पर पहुंचे आैर परिजनाें से मुलाकात की.
15 जून की रात आपसी बातचीत में इंस्पेक्टर ने सुनाया था दुखड़ा, बड़ी परेशानी है भाई, जानते तो इस बार धनबाद नहीं आते
तोपचांची थानेदार उमेश कच्छप (अब मृत)ने 13 जून को दिन में पदभार ग्रहण किया था. दो बजे रात के बाद से ही परेशान थे. जीटी रोड पर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बाघमारा डीएसपी व हरिहरपुर थानेदार जानवर लदे वाहनों की कथित चेकिंग कर रहे थे. चेकिंग की जानकारी न तो तोपचांची थानेदार न ही तोपचांची सर्किल इंस्पेक्टर को थी.
14 जून की रात तोपचांची से फोन पर बातचीत में कच्छप ने कहा था : बहुत परेशानी है. पहले वाला धनबाद नहीं है. बड़ा दबाव है. अगर जानते तो इस बार पोस्टिंग रद्द करा लेते. गोलीकांड वाला केस गलत है. आपसे पुराना संबंध है, बोल रहे हैं. प्रेसवाला बात नहीं है. केस गलत हुआ है. बड़ा साहब को बरगलाया जा रहा है. ट्रक वाला काहे को गोली चलायेगा. चमड़ा लदा ट्रक था. पैसे को लेकर विवाद हुआ. जानवर ट्रक से पैसा वसूली होता है. हम तो कल ही आये हैं. अभी कुछ समझबो नहीं किये हैं. केस करवा दिया, हमको ही अनुसंधानकर्ता बना दिया. दबाव दिया जा रहा है. सीनियर कौन कहे जूनियर धमका रहा है. एेसे अफसर को कानून की कोई जानकारी नहीं है. सीखने के बजाय पैसे पर जोर दे रहा है.
डीएसपी भी पैसे के लिए कुछ भी कर सकते हैं. राजनीतिक पैरवी हैं. हमलोग आदिवासी हैं. राजनीतिक पहुंच पैरवी के बल पर नौकरी करेंगे तो काम थोड़े ही चलेगा. गोलीकांड वाला केस राजगंज में होना चाहिए था. आर्म्स एक्ट का पोजिशन पर केस बनता है तो राजंगज में एफआइआर दर्ज होनी चाहिए. राजगंज का दारोगा अड़ गया. डीएसपी को झुकना पड़ा और हमको कमजोर समझ कर केस करवा दिया. हमको टीम में भी शामिल कर दिया. फंसाया जा रहा है. क्या लिखना है डायरी में, यह भी दबाव व धमकी देकर कहा जा रहा है. विभाग की बात है किससे कहें फंसाया जा रहा है हमको.
देखिए भाई अभी कुछ कहीं मत बोलिएगा. विभाग की बात है. क्या करें. काफी परेशानी है. नींद नहीं आ रही हैं. ज्वाइन करते ही फंसावा दिया गया. अब तो लंबी परेशानी होगी. रांची से दिल्ली तक की जांच होगी. बड़ा अफसर तो बच जाता है छोटका ही फंसता है. ऊपर वाला है न कोई न्याय होगा. हम तो परेशान हैं. विभाग से हम धोखाधड़ी तो नहीं करेंगे. लेकिन गलत भी नहीं होगा. फिर बाद में बात करते हैं. सही बात को उजागर कीजिए. मेरा नाम कहीं नहीं आना चाहिए.
पूरे मुहल्ले में मातम : इससे पहले जब उमेश का शव उनके घर पहुंचा तो पूरे मुहल्ले में मातम पसर गया. उनकी पत्नी चंद्रमणि कच्छप का रो-रोकर बुरा हाल था़ वह बार-बार बेहोश हो जा रही थीं. पुत्र विवेक, विभांशु व पुत्री विजेता भी बिलख रहे थे. परिवार का हाल देख वहां मौजूद लोगों की भी आंखे नम हो गयीं. उनके घर से मसना स्थल की दूरी करीब दो किलोमीटर थी. घर से लेकर मसना तक की अंतिम यात्रा में शामिल लोगों की आंखों से लगातार आंसू बह रहे थे.
इतने लोग शव लेकर सीएम आवास तक कैसे पहुंचे?
‘इतनी बड़ी संख्या में लोग शव लेकर मुख्यमंत्री आवास तक कैसे पहुंच गये? अाप लोग क्या कर रहे थे? इन लोगों को यहां पहुंचने से पहले ही क्यों नहीं रोगा गया?’ रविवार को मुख्यमंत्री आवास के घेराव पर वहां तैनात पुलिसकर्मियों से एसडीओ आदित्य कुमार ने नाराजगी भरे लहजे में ये सवाल किया.
दरअसल, धनबाद के तोपचांची थाना स्थित सरकारी आवास में मृत इंस्पेक्टर उमेश कच्छप के शव को लेकर उनके परिजन अौर स्थानीय लोग सीएम आवास का घेराव करने पहुंचे थे. वे उमेश की मौत के लिए पुलिस अधिकारियों को दोषी ठहरा रहे थे और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे. सुनवाई न होती देख आक्रोशित लोग सीएम आवास के सामने वाली सड़क को बाधित करते हुए धरने पर बैठ गये और नारेबाजी करने लगे. इस दौरान सड़क पर आवागमन बाधित हो गया. हालांकि, पुलिस ने कांके रोड में रूट को डायवर्ट कर आवागमन सामान्य बनाये रखा. इधर, आक्रोशित लोग किसी को भी सीएम आवास के अंदर नहीं जाने दे रहे थे. अंदर से भी किसी को बाहर निकलने की इजाजत नहीं थी. यह सब देखकर एसडीओ आदित्य कुमार भड़क गये और अपना सारा गुस्सा वहां तैनात पुलिस अिधकारियों पर उतारा.
खुद वीडियो रिकॉर्डिंग करने लगे एसडीओ
बाद में एसडीओ खुद से वीडियो कैमरा निकालकर रिकॉर्डिंग करने लगे. जाम के दौरान एक युवक साइकिल लेकर वहां से गुजरने की कोशिश करने लगा, लेकिन धरने पर बैठे लोगों ने उसे जबरन रोक दिया. इस पर एसडीओ फिर से भड़क गये. उन्होंने युवक को साइकिल सहित वहां से निकालने का प्रयास किया. हालांकि, युवक खुद ही साइकिल के साथ वहां से पीछे हट गया.
चीखती-चिल्लाती रहीं उमेश की भाभी
इंस्पेक्टर उमेश कच्छप की मौत पर मुख्यमंत्री आवास घेराव करने पहुंचे परिजनों में उनकी भाभी नंदी कच्छप भी शामिल थीं. वह चीखते हुए कहने लगीं : मेरे देवर ने जीवनभर दूसरे को न्याय दिलाने के लिए काम किया. वह दिलेर पुलिस अफसर थे. वह आत्महत्या नहीं कर सकते हैं. उन्हें साजिश के तहत मारा गया हैं. वहीं, दूसरी ओर भतीजा विपिन कच्छप कहना था कि उमेश कच्छप पहले सीएम सुरक्षा में भी रहे थे. उन्होंने कई वीआइपी लोगों को सेवा दी, लेकिन उनकी मौत पर कोई गंभीरता से नहीं ले रहा है. पुलिस अधिकारी भी अब साथ नहीं दे रहे हैं. ऐसे में समझ नहीं आ रहा है कि न्याय की उम्मीद किससे की जाये?
राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई
इंस्पेक्टर उमेश कच्छप के शव का अंतिम संस्कार रविवार को नगड़ी स्थित मसना में राजकीय सम्मान के साथ किया गया. घर से तिरंगे में लपेट कर उनके शव को मसना तक लाया गया था. अंतिम यात्रा में मंत्री, नेता, पुलिस-प्रशासन के अधिकारी सहित सैकड़ों महिला-पुरुष शामिल हुए.
मसना में अंतिम संस्कार से पहले पुलिस लाइन से आये जवानों ने शस्त्र उल्टा कर और मातमी धुन बजाकर दिवंगत उमेश कच्छप को सलामी दी. मिट्टी देने के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव, पूर्व आइजी शीतल उरांव, ग्रामीण एसपी राजकुमार लकड़ा, जिप सदस्य अनिल टाइगर, झारखंड पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेंद्र सिंह, महामंत्री अक्षय राम, उपाध्यक्ष ब्रह्मदेव प्रसाद सहित कई पुलिस व प्रशासनिक पदाधिकारी शामिल थे़
पूरे मुहल्ले में मातम : इससे पहले जब उमेश का शव उनके घर पहुंचा तो पूरे मुहल्ले में मातम पसर गया. उनकी पत्नी चंद्रमणि कच्छप का रो-रोकर बुरा हाल था़ वह बार-बार बेहोश हो जा रही थीं. पुत्र विवेक, विभांशु व पुत्री विजेता भी बिलख रहे थे. परिवार का हाल देख वहां मौजूद लोगों की भी आंखे नम हो गयीं. उनके घर से मसना स्थल की दूरी करीब दो किलोमीटर थी. घर से लेकर मसना तक की अंतिम यात्रा में शामिल लोगों की आंखों से लगातार आंसू बह रहे थे.
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