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खूंटी में पेटी ठेकेदार की लेवी के लिए हत्या करने की थी योजना

पीएलएफआइ उग्रवादी ने पूछताछ में दी जानकारी रांची : पीएलएफआइ के एक लाख रुपये का इनामी कमांडर अखिलेश गोप लेवी के लिए खूंटी के एक पेटी ठेकेदार की हत्या करने की योजना से नगड़ी के साहेर गांव में सहयोगियों के साथ जुटा था. इस बात की जानकारी उसने पूछताछ में पुलिस को दी है. उसने […]

पीएलएफआइ उग्रवादी ने पूछताछ में दी जानकारी
रांची : पीएलएफआइ के एक लाख रुपये का इनामी कमांडर अखिलेश गोप लेवी के लिए खूंटी के एक पेटी ठेकेदार की हत्या करने की योजना से नगड़ी के साहेर गांव में सहयोगियों के साथ जुटा था. इस बात की जानकारी उसने पूछताछ में पुलिस को दी है. उसने यह भी बताया कि वह एक पुराने केस के एक गवाह की भी हत्या करनेवाला था. वह अपने सहयोगियों के साथ घटना को अंजाम देनेवाला था, लेकिन इससे पहले ही पकड़ा गया. यह भी बताया है पकड़े जाने से पहले वह गांव में सहयोगियों के साथ पार्टी करने के लिए जुटा था.
वह और उसके सहयोगी खा-पी रहे थे. इस दौरान पुलिस ने छापेमारी कर सभी को पकड़ लिया. अखिलेश के पास एके 47 हथियार भी है, लेकिन पकड़े जाने के दौरान उसके पास नहीं था. इसलिए पुलिस उससे हथियार के बारे में पूछताछ कर उसे बरामद करने का प्रयास कर रही है. पुलिस अधिकारियों के अनुसार अखिलेश और उसके सहयोगियों को बाद में रिमांड पर लेकर पूछताछ की जायेगी. क्योंकि विधानसभा चुनाव में खूंटी में पीएलएफआइ की गतिविधियों को लेकर पुलिस पहले से अलर्ट है. रिमांड के दौरान उग्रवादियों की योजना सहित अन्य बिंदुओं पर पूछताछ की जायेगी.
और क्या जानकारी दी : अखिलेश गोप ने बताया कि उसने चेटे गांव में रेलवे साइडिंग निर्माण कार्य में लगे ठेकेदार से निर्माण कार्य की लागत की 10 प्रतिशत राशि लेवी के रूप में मांगी थी. लेवी नहीं देने पर उसने काम बंद करने की चेतावनी भी दी थी, लेकिन काम जारी था. इसलिए उसने अपने दस्ता के सदस्यों के साथ निर्माण कार्य में लगे इंजीनियर और सुपरवाइजर की हत्या कर दी थी. इसके अलावा तुपुदाना थाना क्षेत्र के बंडा गांव में कंपनी की ट्रैक्टर में आग लगाने के लिए उसने मजदूरों के साथ मारपीट की घटना में भी अपनी संलिप्तता की बात स्वीकार कर ली है. यह भी बताया कि उसने पांच लाख रुपये लेवी के लिए आगजनी की घटना को अंजाम दिया था. वहीं, नगड़ी में बाबू खान रेलवे साइडिंग का काम करता था. इस बात की जानकारी मिलने पर उसने बाबू खान को लेवी के लिए पहले फोन किया था, लेकिन उसने इनकार कर दिया था. इसके बाद उसकी हत्या कर दी थी.
उग्रवादियों को पकड़ने में ये थे शामिल :
ग्रामीण एसपी ऋषभ कुमार झा, एएसपी अभियान खूंटी अनुराग राज, एसडीपीओ तोरपा ओम प्रकाश तिवारी, थाना प्रभारी कर्रा मुन्ना कुमार सिंह, थाना प्रभारी नगड़ी वंशी साव, थाना प्रभारी जरियागढ़ अवधेश कुमार, ओम प्रकाश टोप्पो, निताई डांगिल, खुर्शीद हुसैन, चंदन कुमार, विजय केरकेट्टा, विजय उरांव, राजेंद्र यादव, सुबोध तिर्की, राजेंद्र नायक, जितेंद्र कुमार राम, राजेंद्र स्वांसी, सुमित कुमार महतो, प्रकाश कुमार साहू, हरिनारायण प्रजापति, प्रदीप मिंज और अलवीश मुंडा उग्रवादियों को पकड़ने में शामिल थे.

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