Advertisement
रांची : मजदूरों व किसानों के मुद्दों पर वाम शक्तियां ही मुखर हैं : वृंदा
समाज में व्यापक एकता बना कर लड़ने की जरूरत भूख से मौत हो रही है, इसे आंकड़ों से छिपा नहीं सकते रांची : सीपीएम पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात ने कहा कि मोदी सरकार का दावा कि अर्थव्यवस्था मजबूत हुुई है और विकास हो रहे हैं, यह पूरी तरह से झूठ और गलत है़ इसे […]
समाज में व्यापक एकता बना कर लड़ने की जरूरत
भूख से मौत हो रही है, इसे आंकड़ों से छिपा नहीं सकते
रांची : सीपीएम पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात ने कहा कि मोदी सरकार का दावा कि अर्थव्यवस्था मजबूत हुुई है और विकास हो रहे हैं, यह पूरी तरह से झूठ और गलत है़ इसे ग्रोथ रेट, रोजगार, नये स्टार्टअप और एनपीए के संदर्भ में देखना चाहिए़ एक तरफ सरकार बजट व नीतियों से बड़े पूंजीपतियों को बार-बार राहत दे रही है, वहीं आम जनता पर आर्थिक संकट का बोझ बढ़ता जा रहा है.
राहत देने के बजाये मजदूरों ने अपनी नौकरी, कार्यस्थिति तय करने के लिए जो अधिकार अपने संघर्ष से हासिल किया था, उसे भी रद्द कर दिया गया है़ श्रीमती करात रविवार को सीपीआइएम राज्य कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित कर रही थीं. उन्होंने कहा कि 2019 में जो न्यूनतम मजदूरी तय होगी, वह किसी वैज्ञानिक आधार पर नहीं, बल्कि मालिकों की मर्जी से होगी. एससी-एसटी स्टूडेंटस के लिए सीबीएससी परीक्षा की फीस बढ़ा दी गयी है़
हमारी पार्टी की स्पष्ट समझ है कि मजदूरों, किसानों पर मोदी सरकार द्वारा जो आर्थिक संकट का बोझ डाला जा रहा है, उसके खिलाफ समाज में व्यापक एकता बना कर लड़ने की जरूरत है. जिस राजनीतिक पार्टी की विचारधारा स्पष्ट और जन पक्षधर है, वही लोकतंत्र पर बढ़ते हमले का प्रभावी मुकाबला कर सकती है. मजदूरों-किसानों के मुद्दे पर वाम शक्तियां ही मुखर होकर आंदोलनरत हैं.
झारखंड में विकास नहीं, आंकड़ों का खेल : एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि विकास के सवाल पर झारखंड सरकार आंकड़ों का खेल खेल रही है़ मानव विकास की बात हो रही है, पर मजदूर बेरोजगार हो रहे हैं.
पूरी इंडस्ट्री को देखिए, कहीं रोजगार नहीं मिल रहा है. हजारों पद खाली है़ं डोमिसाइल स्टेटस पर कोई सही फैसला नहीं किया गया है. आदिवासियों का वनाधकिार कानून समाप्त कर प्राइवेट प्लांटेशन कराया जा रहा है़ यदि यही विकास है, तो यह कुछ लोगों का विकास हो सकता है़ आम लोगों की स्थिति देखिये. लॉ एंड ऑर्डर देखिये.
विकास का आधार जनता की आमदनी या क्रयशक्ति का औसत नहीं हो सकता़ जो न्यूनतम है, उसे देखिये़ आज भी झारखंड में भूख से मौत हो रही है, इसे आप आंकड़ों से छिपा नहीं सकते़ इस अवसर पर राज्य सचिव गोपीकांत बक्षी व राज्य कमेटी के सदस्य प्रकाश विप्लव भी मौजूद थे़
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement