रांची : पूर्व कृषि मंत्री व कांग्रेस नेता योगेंद्र साव को झारखंड हाइकोर्ट से राहत नहीं मिल पायी है. कोर्ट ने हजारीबाग की निचली अदालत के आदेश को सही ठहराते हुए उनकी सजा बरकरार रखा है. निचली अदालत ने योगेंद्र साव को रंगदारी मांगने के मामले में ढाई साल की सजा सुनायी है.
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रांची : पूर्व कृषि मंत्री योगेंद्र साव की सजा बरकरार
रांची : पूर्व कृषि मंत्री व कांग्रेस नेता योगेंद्र साव को झारखंड हाइकोर्ट से राहत नहीं मिल पायी है. कोर्ट ने हजारीबाग की निचली अदालत के आदेश को सही ठहराते हुए उनकी सजा बरकरार रखा है. निचली अदालत ने योगेंद्र साव को रंगदारी मांगने के मामले में ढाई साल की सजा सुनायी है. जस्टिस राजेश […]
जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए क्रिमिनल रिवीजन याचिका को खारिज कर दिया. मालूम हो कि पूर्व में सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.
सुनवाई के दाैरान प्रार्थी की अोर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता केटीएस तुलसी ने पक्ष रखा था. उन्होंने कहा था कि सीआरपीसी की धारा-197 के तहत राज्य सरकार से स्वीकृति नहीं ली गयी थी, जबकि घटना के समय वह विधायक थे तथा झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के सदस्य थे.
इसलिए इस मामले में उनके खिलाफ मामला चलाने के लिए स्वीकृति लिया जाना चाहिए था. सरकार की अोर से अपर महाधिवक्ता जय प्रकाश ने प्रार्थी की दलील का यह कहते हुए विरोध किया कि इन्होंने निचली अदालत में इस प्रावधान की बात नहीं कही है.
अब इस मुद्दे को उठाना उचित नहीं है. उल्लेखनीय है कि रूंगटा कंपनी से रंगदारी मांगने के आरोप में गिद्दी थाना में कांड संख्या 55/2011 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. इस मामले में योगेंद्र साव सहित दो के खिलाफ निचली अदालत ने सजा सुनायी थी.
इधरपूर्व मंत्री योगेंद्र साव शुक्रवार को एजेसी एसएस प्रसाद की अदालत में पेश हुए. उनकी पत्नी निर्मला देवी भी कोर्ट में उपस्थित थीं. अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजते हुए सुनवाई के लिए अगली तिथि आठ मई निर्धारित की है. गौरतलब है कि योगेंद्र साव ने पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के आलोक में सरेंडर किया था.
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