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रांची : रिम्स में शुरू हो गयी कार्डियक सर्जरी, हसीबा बीबी पहली मरीज

राज्य के सबसे बड़े अस्पताल में रचा गया इतिहास सर्जरी डाॅ अंशुल कुमार आैर डॉ आनंद मिश्रा ने की रांची : राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स ने शनिवार काे इतिहास रचा. यहां के कार्डियेक थोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी (सीटीवीएस) विभाग में ओपेन हार्ट सर्जरी शुरू हाे गयी. पहली सर्जरी रांची की हसीबा बीबी की […]

राज्य के सबसे बड़े अस्पताल में रचा गया इतिहास
सर्जरी डाॅ अंशुल कुमार आैर डॉ आनंद मिश्रा ने की
रांची : राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स ने शनिवार काे इतिहास रचा. यहां के कार्डियेक थोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी (सीटीवीएस) विभाग में ओपेन हार्ट सर्जरी शुरू हाे गयी. पहली सर्जरी रांची की हसीबा बीबी की हुई. रिम्स के कार्डियक सर्जन डॉ अंशुल कुमार आैर पीजीआइ चंडीगढ़ से आये डॉ आनंद मिश्र की देखरेख में सर्जरी हुई. सर्जरी सफल रही.
जानकारी के मुताबिक सर्जरी शाम छह बजे शुरू हुई, जाे करीब 11.30 बजे रात काे खत्म हुई. रविवार काे भी एक सर्जरी हाेगी. साेमवार काे इसकी आधिकारिक घाेषणा की जायेगी. हसीबा बीबी की सर्जरी आयुष्मान भारत याेजना के तहत बिलकुल मुफ्त की गयी है.
इससे पहले दिन में ऑपरेशन थियेटर (ओटी) का फ्यूमिगेशन (संक्रमणमुक्त) किया गया. इसके बाद आेटी में ऑपरेशन में सहयोग करने वाले परफ्यूजनिस्ट व कार्डियेक टेक्निशियन, संबंधित विभाग के डॉक्टर, जूनियर डॉक्टर व कुछ खास नर्स के अलावा किसी अन्य के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गयी थी.
ऑपरेशन में तकनीकी सहयोग के लिए पीजीआइ चड़ीगढ़ के कार्डियक सर्जन डॉ आनंद मिश्रा ने दिया. उन्हें दिन में सीटीवीएस के विभागाध्यक्ष डॉ अंशुल कुमार ने पूरे विभाग का भ्रमण कराया. ऑपरेशन के बाद मरीज को कहां रखा जायेगा इसके बारे में भी पूछताछ की. बताया गया कि आइसीयू में चार बेड हैं, जहां मरीज को ऑपरेशन के बाद रखा जायेगा.
हड्डी की सर्जरी में ऑर्थोस्कोपी पद्धति कारगर: डॉ जोशी
रांची : दिल्ली सफदरजंग अस्पताल के हड्डी रोग व स्पोर्ट्स इंज्यूरी विशेषज्ञ डॉ दीपक जोशी ने कहा कि हड्डी के ऑपरेशन में आॅर्थोस्कोपी कारगर पद्धति है. इसमें दूरबीन से ऑपरेशन किया जाता है. इस कारण चीरा कम लगता है. मरीज को ज्यादा दिन तक अस्पताल में ठहरने की जरूरत नहीं पड़ती है.
डॉ जोशी रिम्स के हड्डी विभाग व रांची ऑर्थोपेडिक क्लब के तत्वावधान में आयोजित झारखंड अॉर्थोपेडिक एसोसिएशन के 11वें वार्षिक सम्मेलन के वैज्ञानिक सत्र में बोल रहे थे. डॉ जोशी ने कहा कि खेल के प्रति युवा व युवतियों का रुझान बढ़ा है, जिससे स्पोर्ट्स इंज्यूरी बढ़ी है. स्पोर्ट्स इंज्यूरी में खिलाड़ी को तात्कालिक इलाज की जरूरत होती है.
इसमें ऑर्थोस्कोपी पद्धति से इलाज लाभकारी होता है. लिगामेंट की सर्जरी में यह बहुत फायदेमंद है. सेमिनार का उदघाटन रिम्स के वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ व पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ सुरेश्वर पांडेय ने किया. वैज्ञानिक सत्र में कई वक्ताओं ने अपना प्रेजेंटेशन दिया.
लाइव सर्जरी कार्यशाला : रांची ऑब्सट्रेक्ट्री एंड गायनी सोसाइटी द्वारा रिम्स के स्त्री विभाग में शनिवार को लाइव सर्जरी कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें दिल्ली से आये डॉ बीबी दास ने लेप्रोस्कोपी सर्जरी के बारे में बताया. लाइव सर्जरी स्त्री विभाग के ओटी में की गयी.

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