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झारखंड में चार वर्षों में 540 मेगावाट बिजली की मांग बढ़ी

बिजली के क्षेत्र में हुए बदलाव पर ऊर्जा विकास निगम ने रिपोर्ट तैयार कर सरकार को दी रांची : झारखंड में चार वर्षों में ही बिजली की मांग में 540 मेगावाट का इजाफा हो गया है. ग्रामीण विद्युतीकरण और सौभाग्य योजना से घर-घर बिजली कनेक्शन दिये जाने के कारण यह अतिरिक्त मांग बढ़ी है. चार […]

बिजली के क्षेत्र में हुए बदलाव पर ऊर्जा विकास निगम ने रिपोर्ट तैयार कर सरकार को दी
रांची : झारखंड में चार वर्षों में ही बिजली की मांग में 540 मेगावाट का इजाफा हो गया है. ग्रामीण विद्युतीकरण और सौभाग्य योजना से घर-घर बिजली कनेक्शन दिये जाने के कारण यह अतिरिक्त मांग बढ़ी है.
चार वर्षों में बिजली के क्षेत्र में हुए बदलाव पर एक रिपोर्ट सरकार को ऊर्जा विकास निगम द्वारा दी गयी है. रिपोर्ट के अनुसार प्रति व्यक्ति वार्षिक विद्युत खपत (यूनिट) में भी बढ़ोतरी हुई है. वर्ष 2014 में यह 541 यूनिट थी, जो वर्ष 2018 में बढ़ कर 730.24 यूनिट हो गयी है.
बिजली की उपलब्धता के कारण ही इससे चलने वाले पंपों की संख्या भी बढ़ी है. वर्ष 2014 में इसकी संख्या 41,551 थी. यह वर्ष 2018 में बढ़ कर 57,171 हो गयी है. बताया गया है कि करीब चार साल पहले राज्य के 2932 गांव ऐसे थे जहां बिजली नहीं थी. अंधेरे से जूझ रहे सभी 2932 गांवों में बिजली पहुंचा दी है. इसमें कई गांव ऐसे हैं जहां आजादी के बाद बिजली पहुंची है. ऐसा ही एक गांव है हजारीबाग जिले का करारी, जहां आजादी के बाद पहली बार बिजली पहुंची है.
25 को संपूर्ण विद्युतीकृत होगा राज्य
रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2014 में 53.8 प्रतिशत विद्युतीकरण हुआ था. वर्ष 2018 में यह 91.30 प्रतिशत हो गया है. वर्ष 2014 में ग्रामीण विद्युतीकरण 91.03 प्रतिशत था. वर्ष 2018 में शत-प्रतिशत हो गया. सौभाग्य योजना के तहत वर्ष 2018 तक 10,58,569 घरों को शामिल किया जा चुका है. 25 दिसंबर को सरकार पूरे राज्य को संपूर्ण विद्युतीकृत राज्य घोषित करने जा रही है.
5.22 लाख उपभोक्ता बढ़े
रिपोर्ट के अनुसार चार वर्षों में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या भी करीब 5.22 लाख बढ़ी है. वर्ष 2014 में राज्य में बिजली के ग्राहकों की संख्या 29 लाख 98 हजार 611 थी. वर्ष 2018 में 34 लाख 25 हजार 827 हो गयी है. इसी तरह एक बत्ती वाले कनेक्शनधारकों की संख्या वर्ष 2014 में 26,47, 095 थी. यह वर्ष 2018 में बढ़ कर 31,69,192 हो गयी है.
40 नये सब स्टेशन बने
आधारभूत संरचना के बाबत लिखा गया है कि वर्ष 2014 में पावर सब स्टेशन की संख्या 310 थी जो अब बढ़ कर 350 हो गयी है. वहीं एलटी लाइन वर्ष 2014 में 56,740 सर्किट किलोमीटर थी. यह वर्ष 2018 में बढ़ कर 64,443 किलोमीटर हो गयी है. वर्ष 2014 में 220 केवी लाइन 839 सर्किट किलोमीटर थी. यह वर्ष 2018 में बढ़ कर 1081 सर्किट किलोमीटर हो गयी है.
80 ग्रिड सब स्टेशन
राज्य में बेहतर बिजली आपूर्ति के लिए 118 ग्रिड सब स्टेशन की जरूरत है. जबकि अभी केवल 38 ग्रिड सब स्टेशन हैं जिससे पूरे राज्य में बिजली की आपूर्ति की जाती है. कई इलाकों में ट्रांसमिशन के कारण अक्सर बिजली की समस्या खड़ी हो जाती है. इसके लिए अभी 80 ग्रिड सब स्टेशन का काम तेजी से चल रहा है. जिसमें 12 ग्रिड सब स्टेशन बनकर तैयार है.

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