उरीमारी. विस्थापित संघर्ष मोरचा उरीमारी पोटंगा पंचायत ने बरका-सयाल के महाप्रबंधक को पत्र लिख कर 28 मई के बाद चक्का जाम आंदोलन करने की चेतावनी दी है. मोरचा के सचिव महादेव बेसरा ने पत्र में कहा है कि मोरचा द्वारा 13 मई को विभिन्न मांगों को लेकर जीएम कार्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया गया था. लेकिन 15 दिन बीत जाने के बाद भी प्रबंधन द्वारा अब तक समस्याओं के निदान के लिए पहल नहीं की गयी है. प्रबंधन वार्ता की पहल करे, अन्यथा मोरचा चक्का जाम आंदोलन के लिए बाध्य होगा. मांगों में ट्रांसपोर्टिंग मजदूरों को पुन: बहाल करने, जीएम कार्यालय उरीमारी में स्थानांतरित करने, विस्थापित गांव टोलों में सीएसआर से विकास करने, न्यू बिरसा में रोड सेल चालू करने, जमीन के बदले बकाया नौकरी व पुनर्वास, मुआवजा देने की मांग शामिल है. इससे पूर्व मोरचा की बैठक हुई. जिसमें विश्राम सोरेन, महेश गंझू, कजरू उरांव, सीताराम किस्कू, कानू मरांडी, चरका करमाली, शिगू मांझी, मन्नाराम मांझी, दशाराम मांझी, सुखदेव सोरेन, कमलेश गंझू, महेश करमाली, राजेंद्र किस्कू, राकेश बेसरा, सीतामुनी देवी, गीता देवी, तेतरी देवी, फूलमुनी देवी समेत कई लोग उपस्थित थे.
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चक्का जाम आंदोलन की चेतावनी
उरीमारी. विस्थापित संघर्ष मोरचा उरीमारी पोटंगा पंचायत ने बरका-सयाल के महाप्रबंधक को पत्र लिख कर 28 मई के बाद चक्का जाम आंदोलन करने की चेतावनी दी है. मोरचा के सचिव महादेव बेसरा ने पत्र में कहा है कि मोरचा द्वारा 13 मई को विभिन्न मांगों को लेकर जीएम कार्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया गया था. […]
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