ओझा-गुणी और डायन बिसाही के शक में वृद्ध सहित कई लोग पीटे गये, पांच के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
2016 में सहियारा गांव में दो महिलाओं को पीट-पीटकर मार डाला गया
2017 में सजवन गांव में मनोरम देवी की टांगी-लाठी से हत्याप्रतिनिधि,हुसैनाबाद
अनुमंडल क्षेत्र में आधुनिक युग के बावजूद अंधविश्वास की सामाजिक बुराई कम होने का नाम नहीं ले रही है. ओझा-गुणी, तंत्र-मंत्र और डायन बिसाही के आरोपों के कारण यहां कई निर्दोषों की जान जा चुकी है. हाल ही में सात सितंबर को दंगवार पंचायत में वृद्ध भगवान माली (75 वर्ष) और दो महिलाओं को ओझा-गुणी होने के शक में ग्रामीणों ने बेरहमी से पीटा. वृद्ध की हालत गंभीर है और उनका इलाज वाराणसी में चल रहा है. पुलिस ने इस घटना में पांच आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. चौंकाने वाली बात यह है कि इस तरह की घटनाएं शिक्षित ग्रामीणों के बीच भी हो रही हैं, जहां लोग मूकदर्शक बने रहते हैं या वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा करते हैं। यह दर्शाता है कि शिक्षा के बावजूद वैज्ञानिक सोच और सामाजिक संवेदनशीलता की कमी बनी हुई है.
इस सामाजिक समस्या से निपटने के लिए पंचायत स्तर पर महिला समूहों और स्वयंसेवी संस्थाओं को सक्रिय भूमिका निभानी होगी. गांव-गांव में ओझा-गुनी और तांत्रिकों की पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई जरूरी है. साथ ही, स्कूलों और सामुदायिक केंद्रों में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने हेतु जागरूकता अभियान चलाने होंगे.
स्थानीय स्तर पर ””””अंधविश्वास मुक्त हुसैनाबाद”””” जैसे अभियान शुरू किए जा सकते हैं. बच्चों और युवाओं को विज्ञान आधारित सोच के लिए प्रेरित करने हेतु नाटक, पोस्टर प्रतियोगिता और संवाद सत्र आयोजित किए जाने चाहिए. जब तक समाज मिलकर इस बुराई के खिलाफ खड़ा नहीं होगा, तब तक ऐसी घटनाएं दोहराई जाती रहेंगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

