36.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पीटीआर में दिखे चौसिंगा व हनीबैजर जैसे दुर्लभ जंतु

मेदिनीनगर : पलामू टाइगर रिजर्व में आजकल कई दुर्लभ प्रजाति के जंतु देखे जा रहे हैं. इसे शुभ संकेत माना जा रहा है. इन्हें पीटीआर के 1024 वर्ग किलोमीटर इलाके के चार अलग-अलग रेंज में देखा गया है. हनीबैजर (विज्जु ) : हनीबैजर जिसे स्थानीय भाषा में बिज्जू या बीजू कहा जाता है, एक स्तनधारी […]

मेदिनीनगर : पलामू टाइगर रिजर्व में आजकल कई दुर्लभ प्रजाति के जंतु देखे जा रहे हैं. इसे शुभ संकेत माना जा रहा है. इन्हें पीटीआर के 1024 वर्ग किलोमीटर इलाके के चार अलग-अलग रेंज में देखा गया है.

हनीबैजर (विज्जु ) : हनीबैजर जिसे स्थानीय भाषा में बिज्जू या बीजू कहा जाता है, एक स्तनधारी जीव है, जो भारतीय उपमहाद्वीप, दक्षिण पश्चिमी एशिया और अफ्रीका में मिलता है.
अपने लड़ाकू स्वभाव और मोटी चमड़ी के कारण अन्य जानवर इससे दूर ही रहते हैं और अन्य खूंखार प्राणी भी इस पर हमला कम ही करते हैं. भारत में यह मूलतः उत्तर भारत के तालाबों और नदियों के कगारों में 25-30 फुट लंबी मांद बनाकर रहता है. इसके शरीर का ऊपरी भाग भूरा, बगल और पेट काला तथा माथे पर चौड़ी सफेद धारी होती है. हर पैर पर पांच मजबूत नख होते हैं, जो मांद खोदने के काम आते हैं.
यह अगले पैर से मांद खोदता जाता है और पिछले पैरों से मिट्टी दूर फेंकता जाता है. यह अपने पुष्ट नखों से कब्र खोदकर मुर्दा खा लेता है. बिज्जू आलसी होता है और मंद गति से चलता है. यह सर्वभक्षी है. फल मूल से लेकर कीट पतंग तक इसके भक्ष्य हैं. पीटीआर के छिपादोहर व कुटकु के जंगलों में इसे पिछले कई महीने से अक्सर देखा जा रहा है.
चौसिंगा : चौसिंगा, जिसे अंग्रेजी में फॉर हॉर्नेड एंटीलोप कहते हैं, एक छोटा बहुसिंगा है. यह टॅट्रासॅरस प्रजाति में एकमात्र जीवित जाति है और भारत तथा नेपाल के खुले जंगलों में पाया जाता है.
चौसिंगा एशिया के सबसे छोटे गोकुलीय प्राणियों में से हैं. इसका विशिष्ट चिह्न है. इसके चार सींग होते हैं, जो जंगल स्तनपायी में अद्वितीय होता है और जिसकी वजह से इसका नाम पड़ा है. यह सींग केवल नरों में पाये जाते हैं. ज्यादातर चौसिंगा भारत में ही पाये जाते हैं. छिटपुट आबादी नेपाल के कुछ इलाकों में भी पायी जाती है. इनकी अधिक आबादी गंगा के मैदानों के दक्षिण से लेकर तमिलनाडु तक तथा पूर्व में ओड़िशा तक पायी जाती है. पीटीआर में इन्हें पहले अक्सर देखा जाता था. काफी समय के बाद फिर से लाट के जंगल में इन्हें देखा गया है.
लगातार मिल रहे हैं बाघ व तेंदुआ के कील : पीटीआर के इलाके में इन दिनों लगातार हिरन व मवेशी का कील (जानवर द्वारा जानवर का शिकार) हो रहा है. इससे स्पष्ट है कि बाघ व तेंदुआ स्वच्छंद रूप से विचरण कर रहे हैं.
पीटीआर के फोटो एलबम बनाये जायेंगे : निदेशक
पीटीआर के निदेशक वाइके दास ने चौसिंगा और बिज्जू के पाये जाने व कील के खबरों की पुष्टि करते हुए प्रभात खबर को बताया कि पीटीआर के क्षेत्र में पाये जानेवाले तमाम जीव-जंतु, पंछी की तस्वीर इकट्ठा की जा रही है. इनका एलबम बनाया जायेगा, जो आनेवाले दिनों में एक धरोहर साबित होगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें