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250 पत्थर खदान मालिकों पर लटकी कानून की तलवार

कार्रवाई : खनन विभाग की नोटिस से पत्थर उद्योग में उत्खनन कार्य बंदी के कगार पर मात्र 29 खदान ही वर्तमान में संचालित पाकुड़ : पत्थर उद्योग नगरी के रूप में प्रसिद्ध पाकुड़ जिले के पत्थर खदान मालिकों पर कानून की तलवार लटकने से पत्थर उद्योग बंदी के कगार पर हैं. जिले में कुल 279 […]

कार्रवाई : खनन विभाग की नोटिस से पत्थर उद्योग में उत्खनन कार्य बंदी के कगार पर
मात्र 29 खदान ही वर्तमान में संचालित
पाकुड़ : पत्थर उद्योग नगरी के रूप में प्रसिद्ध पाकुड़ जिले के पत्थर खदान मालिकों पर कानून की तलवार लटकने से पत्थर उद्योग बंदी के कगार पर हैं. जिले में कुल 279 पत्थर खदानों में से 250 पत्थर खदान मालिक को खनन विभाग ने नोटिस जारी करते हुए पर्यावरणीय स्वच्छता प्रमाण पत्र के साथ-साथ सीटीओ निर्गत कराये जाने तक उत्खनन कार्य बंद रखने का निर्देश दिया है.
मात्र 29 खदान ही वर्तमान में संचालित हैं. विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा ओएएनए 123/2014 एवं एमएएनओ 419/2014 हिम्मत सिंह शेखावत बनाम राजस्थान सरकार एवं अन्य में पारित आदेश दिनांक 13 जनवरी 2015 एवं झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद रांची के पत्रांक बी 4828 दिनांक 27.11.2015 के निर्देश पर पत्थर खनन पट्टा धारी मालिकों को पर्यावरणीय स्वच्छता प्रमाण पत्र के साथ-साथ सीटीओ निर्गत कराना आवश्यक है. इसी निर्देश के आधार पर विभाग ने जिले के कुल 250 पत्थर खदान मालिकों को नोटिस जारी करते हुए हिदायत दी है कि जब तक उपरोक्त प्रमाण पत्र निर्गत नहीं कराया जाता है जिले में उत्खनन कार्य बंद रहेगा.
कितनों को मिला नोटिस
पाकुड़ जिले में जिन 250 पत्थर खदान मालिकों को नोटिस विभाग द्वारा किया गया है. उसमें पाकुड़ सर्किल क्षेत्र से बरमसिया में 1, बासमता में 3, विशनपुर 5, गोकुलपुर 2, हरिरामपुर 1, जोगीगड़िया 3, कालीदासपुर 3, कान्हुपुर 3, कशीला 4, खापरजोला 11, लक्खीपहाड़ी 3, मालपहाड़ी 30, पीपलजोड़ी 16, राजबांध 12, रामचंद्रपुर 2, रामनगर 12, सालबोनी 1, श्रीरामपुर 1 व सुंदरपहाड़ी 4, हिरणपुर सर्किल क्षेत्र में बेलपहाड़ी 2, मांड्रो 1, विशनपुर 1, धोबापहाड़ी 6, फतेहपुर 5, गणेशपुर 2, जियाजोरी 1, महारो 1, मानसिंहपुर 8, मुर्गाडांगा 2, रामखुर्रा 1, रानीकोल 1, सिउलीडांगा 1, सीतपहाड़ी 6, सुराईडीह 3, शहरपुर 2, महेशपुर सर्किल क्षेत्र में अम्बापहाड़ी 4, अर्जुनदाहा 1, बागमुरा 4, बलियापातर 2, चांदपुर 5, श्रीरामगड़िया 2, दुमकाडांगा 1, हुलियापतरा 1, हरिशपुर 1, काशीनाथपुर 4, नीमचुआ 1, मोहुलपहाड़ी 2, रोलाग्राम 1, सोपाराम 1, सुंदरपहाड़ी 11 तथा पाकुड़िया सर्किल क्षेत्र में खनन विभाग पाकुड़ द्वारा चंदना में 3, गोलापुर 2, खक्सा 8, खागचुंआ 2, हाथीगढ़ 1, उधलबनी 2, खांडो 1, धाबाडंगाल 1 तथा विशनपुर में 1 पत्थर खदान मालिक को नोटिस जारी किया है.
प्रतिमाह तीन करोड़ का राजस्व होगा प्रभावित
विभागीय सूत्रों की मानें तो उपरोक्त पत्थर खदान से उत्खनन कार्य से सरकार को प्रतिमाह तीन करोड़ राजस्व मिलता था. परंतु उत्खनन कार्य बंद होने से सरकार को प्रतिमाह मिलने वाली इतनी बड़ी राजस्व प्रभावित होगी. सवाल यह उठता है कि यदि जल्द ही खदान मालिकों द्वारा पर्यावरणीय स्वच्छता प्रमाण पत्र के साथ सीटीओ निर्गत करा कर खनन विभाग को सुपुर्द नहीं किया जाता है तो सरकार द्वारा दिये गये राजस्व वसूली का लक्ष्य क्या विभाग पूरा कर पायेगी?
क्या कहते हैं पदाधिकारी
सहायक खनन पदाधिकारी पाकुड़ सुरेश शर्मा ने कहा कि न्यायालय के निर्देश व राज्य सरकार के निर्देश के पश्चात सभी खनन पट्टेधारियों को पर्यावरणीय स्वच्छता प्रमाण पत्र के साथ सीटीओ निर्गत कराना अनिवार्य है. जब तक खनन पट्टेधारियों द्वारा उपरोक्त प्रमाण पत्र जमा नहीं किया जाता है, खनन कार्य बंद रहेगा.

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