सांसद कालीचरण मुंडा की पहल, वैज्ञानिक पद्धति से खेती को मिलेगा बढ़ावा
प्रतिनिधि, खूंटीजिले में हरित क्रांति की नयी इबारत लिखने की तैयारी शुरू हो गयी है. सांसद कालीचरण मुंडा की पहल पर खूंटी जिले के 250 युवा किसानों को आधुनिक और वैज्ञानिक पद्धति से खेती करने का प्रशिक्षण दिया जायेगा. यह प्रशिक्षण उन्हें न केवल उन्नत कृषि तकनीकों से अवगत करायेगा, बल्कि उन्हें उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन की पूरी श्रृंखला में दक्ष बनायेगा. सांसद मुंडा ने बताया कि चयनित किसानों को प्रशिक्षण के साथ एक-एक किलो काला नमक धान का बीज नि:शुल्क दिया जायेगा. विशेष बात यह है कि किसानों द्वारा उपजाये गये इस धान की बिक्री दर 90 रुपये प्रति किलो सुनिश्चित की जायेगी और इसके लिए उन्हें उपयुक्त बाजार भी उपलब्ध कराया जायेगा. सांसद ने बताया कि किसानों को उत्पादन, प्रसंस्करण और बाजार व्यवस्था की समझ दिलाने के लिए देश के प्रमुख कृषि शोध संस्थानों में शैक्षणिक भ्रमण पर भेजा जायेगा. इसमें मुख्य रूप से इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हॉर्टिकल्चर रिसर्च, बेंगलुरु, सेंट्रल फूड टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, मैसूर, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ वेजिटेबल रिसर्च, बनारस, नेशनल सेंटर फॉर मशरूम रिसर्च एंड ट्रेनिंग, बनारस, इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली, राजेंद्र एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, समस्तीपुर, बिहार एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, भागलपुर, नेशनल सम और केवीके संस्थान शामिल हैं. इसके लिए सभी संस्थानों से बात चल रही है.
खूंटी में हरित क्रांति की ओर कदम
जिला स्तर पर चयनित किसानों को प्रारंभिक प्रशिक्षण सीआरआरआई कटक के निदेशक और बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, रांची के कृषि वैज्ञानिक डॉ बैजनाथ सिंह देंगे. वह अफ्रीका और फिलीपींस में लंबे समय तक किसानों को प्रशिक्षण दे चुके हैं. कालीचरण मुंडा ने कृषि, लघु सिंचाई और जलछाजन योजनाओं से जुड़े अधिकारियों को अपने आवास पर बुलाकर इस विषय पर चर्चा की है. उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को कृषि के साथ जोड़कर ही हरित क्रांति को साकार किया जा सकता है.
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