Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य को अपने समय के सबसे ज्ञानी और बुद्धिमान व्यक्ति के तौर पर भी जाना जाता है. अपने जीवनकाल के दौरान उन्होंने मानवजाति की भलाई के लिए कई तरह की बातों का जिक्र किया है जो आज के समय में भी हमें सही रास्ता दिखाने का काम करते हैं. आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों कुछ ऐसी खूबियों का जिक्र किया है जो अगर किसी भी इंसान में हो तो समाज उसे सबसे ज्यादा बुद्धिमान व्यक्ति समझता है. चाणक्य कहते हैं भले ही आप पढ़े-लिखे न हों लेकिन अगर आपमें ये खूबियां है तो भी समाज उसे एक पढ़ा-लिखा और बेहतर इंसान समझता है. तो चलिए बुद्धिमान व्यक्ति के इन्हीं गुणों और खूबियों के बारे में विस्तार से जानते हैं.
सोच-समझकर बोलने की आदत
आचार्य चाणक्य के अनुसार एक समझदार और बुद्धिमान व्यक्ति हमेशा ही सोच समझकर कोई भी बात कहता है. उनके अनुसार एक बुद्धिमान बिना किसी वजह दूसरों को ठेस नहीं पहुंचाता है और न ही जल्दबाजी में आकर अपनी राय दूसरों के सामने रखता है. एक बुद्धिमान व्यक्ति को काफी अच्छे से मालूम होता है कि गलत समय पर कही गयी बातें कई बार रिश्तों को खराब भी कर सकते है. एक समझदार व्यक्ति हमेशा ही कम बोलता है लेकिन वह जब भी कोई बात कहता है उसकी बातों में दम और वजन दोनों होता है.
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सही और गलत में फर्क करना
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि समाज उस इंसान को बुद्धिमान समझता है जिसे सही और गलत के बीच फर्क करना आता है. उनके अनुसार जो एक समझदार व्यक्ति होता है वह कभी इमोशंस में आकर कभी भी कोई फैसला नहीं लेता है. एक बुद्धिमान व्यक्ति हालात का अंदाजा लगाता है और फिर उस काम को करता है जो सिर्फ उसके लिए नहीं बल्कि समाज के लिए भी सही हो. सही और गलत के बीच का फर्क पता होने की वजह से ये लोग मुश्किल हालात में सही रास्ता चुन पाते हैं.
समय और हालात की समझ
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो बुद्धिमान व्यक्ति होता है उसे समय की कीमत का अंदाजा होता है. उसे यह बात काफी अच्छे से समझ आती है कि कब क्या करना है और कब बिलकुल चुप रहना है. इस तरह के जो लोग होते हैं उनकी एक खासियत होती है कि वे किसी भी हालात के अनुसार खुद को ढाल लेते हैं. अपनी इस खूबी की वजह से वे जीवन में बिना रुके आगे बढ़ते हैं.
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धैर्य और संयम बनाए रखना
आचार्य चाणक्य कहते हैं समाज उस इंसान को समझदार समझता है जो कभी भी गुस्से में आकर कोई फैसला नहीं लेता है. आचार्य चाणक्य के अनुसार किसी भी व्यक्ति का धैर्य और संयम ही उसे अंदर से मजबूत बनाता है. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि एक समझदार व्यक्ति अपमान, नुकसान या मुसीबत के समय खुद पर कंट्रोल रखता है और उसका यही शांत स्वभाव उसे समाज से अलग पहचान दिलाता है.
सीखते रहने की इच्छा
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि समाज उस व्यक्ति को बुद्धिमान समझता है जो हमेशा चीजों को सीखने के लिए तैयार रहता है. एक बुद्धिमान व्यक्ति के अंदर कभी इस बात का घमंड नहीं होता कि उसे सब कुछ आता है. एक बुद्धिमान व्यक्ति सिर्फ अपने नहीं बल्कि दूसरों के एक्सपीरियंस से भी सीखते रहने की कोशिश करता है. उसी इस आदत की वजह से उसका ज्ञान और उसकी समझदारी लगातार बढ़ती रहती है.
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