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आठ गांवों में की गयी पत्थलगड़ी, तीन जून को उदबुरू में बैंक ऑफ ग्रामसभा खुलेगा, जानें पूरी खबर
खूंटी जिले के आठ गांवों में की गयी पत्थलगड़ी, जनसभा में नेतृत्वकर्ता जोसेफ पूर्ति ने कहा खूंटी : जिले के आठ गांवों में रविवार को पत्थलगड़ी की गयी. जिन गांवों में पत्थलगड़ी हुई, उनमें हाकाडुबा, ओमटो, हाबुडीह, टोटादाग, सुकनडीह, कुरकुटा, बोंगमद और लोबोदाग शामिल है़ं इसके बाद ओमटो और हाकाडुबा गांव के बीच बगीचे में […]
खूंटी जिले के आठ गांवों में की गयी पत्थलगड़ी, जनसभा में नेतृत्वकर्ता जोसेफ पूर्ति ने कहा
खूंटी : जिले के आठ गांवों में रविवार को पत्थलगड़ी की गयी. जिन गांवों में पत्थलगड़ी हुई, उनमें हाकाडुबा, ओमटो, हाबुडीह, टोटादाग, सुकनडीह, कुरकुटा, बोंगमद और लोबोदाग शामिल है़ं इसके बाद ओमटो और हाकाडुबा गांव के बीच बगीचे में सभा का आयोजन किया गया़ सभा में पत्थलगड़ी के नेतृत्वकर्ता जोसेफ पूर्ति ने तीन जून काे आदिवासी बाेर्ड का केंद्रीय कार्यालय खाेलने की घाेषणा की. साथ ही बैंक अॉफ ग्रामसभा खाेलने की भी घाेषणा की.
सभा को संबोधित करते हुए जाेसेफ पूर्ति ने कहा कि भारत के संविधान में जो आदिवासियों के अधिकार हैं, वही पत्थलगड़ी में अंकित किया गया है़
यह असंवैधानिक नहीं है़ ग्रामसभा को सशक्त किया जा रहा है़ आदिवासी जागरूक हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत हिंदू राष्ट्र नहीं है, यह आदिवासी राष्ट्र है़ पहले भी आदिवासी राष्ट्र था. आज भी है और भविष्य में भी रहेगा़ इसी दिशा में स्वशासन व्यवस्था लागू की जा रही है़.
जाेसेफ पूर्ति ने मुख्यमंत्री रघुवर दास के उस बयान की आलोचना कि जिसमें उन्होंने पत्थलगड़ी करनेवालों को पाताल से भी खोज निकालने की बात कही थी. जोसेफ ने कहा कि हम कोई पाताल में नहीं छुपे हैं. हमलोग पारंपरिक ग्रामसभा के अधीन संवैधानिक तरीके से पत्थलगड़ी कर रहे हैं.
सरकार अगर आदिवासियों के लिए काम करती, तो आदिवासी विस्थापित नहीं होते़ उन्होंने कहा कि जब तक सरकार आदिवासियों के लिए काम करना शुरू नहीं करेगी, हम असहयोग करते रहेंगे़ इस मौके पर जॉन जुनास तिड़ू, बलराम समद सहित विभिन्न गांव से आये सैकड़ों लोग उपस्थित थे़
जिले में अब तक 150 गांवाें में पत्थलगड़ी
खूंटी जिले में अब तक 150 से अधिक गांवों में पत्थलगड़ी की जा चुकी है़
पांच जून को अड़की के कटई और 12 जून को बारूहातू, हेमरोम तथा एक अन्य गांव में पत्थलगड़ी करने की तैयारी चल रही है़ अब इस आंदोलन को नया रूप देने की भी तैयारी की गयी है़ ग्रामसभा द्वारा अपनी शिक्षा व्यवस्था लागू करने के उद्देश्य से पत्थलगड़ी समर्थकों द्वारा तीन जून को उदबुरू गांव में आदिवासी बोर्ड के केंद्रीय कार्यालय का शिलान्यास किया जायेगा़ इस अवसर पर ग्रामसभा के बैंक, बैंक ऑफ ग्रामसभा की भी शुरुआत की जायेगी़
इसकी जानकारी जोसेफ पूर्ति ने दी है़ उन्होंने बताया कि पत्थलगड़ी करनेवालों की गिरफ्तारी के विरोध में छत्तीसगढ़ की तर्ज पर सर्व आदिवासी जेल भरो आंदोलन चलाया जायेगा़ इसकी रूपरेखा तैयार कर ली गयी है़ छत्तीसगढ़ की तर्ज पर यहां भी जेल भरो आंदोलन चलाया जायेगा़ इसके बाद कोर्ट निर्णय लेगा कि कौन सही है और कौन गलत.
चुनाव में नहीं लेंगे हिस्सा
पत्थलगड़ी करने आये कई ग्रामीणों ने कहा कि 70 वर्ष से आदिवासियों का विकास ही नहीं हुआ है़ किसी को नौकरी भी नहीं मिलती है़ हमलोग चुनाव में हिस्सा नहीं लेंगे़ जोसेफ पूर्ति ने कहा कि पांचवी अनुसूची में वर्जित और आंशिक वर्जित क्षेत्र में चुनाव असंवैधानिक है़ जब तक ऐसे क्षेत्रों में चुनाव के लिए राज्यपाल अथवा राष्ट्रपति से लोक अधिसूचना जारी नहीं होती है, आदिवासी चुनाव में हिस्सा नहीं लेंगे़
भारत आदिवासी राष्ट्र है, संविधान में जो आदिवासियों के अधिकार हैं, वही पत्थलगड़ी में अंकित किया गया है
पांच जून को अड़की के कटई और 12 जून को बारूहातू, हेमरोम में होगी पत्थलगड़ी
अपनी शिक्षा व्यवस्था लागू करने के उद्देश्य से उदबुरू में आदिवासी बोर्ड के केंद्रीय कार्यालय का शिलान्यास होगा
पत्थलगड़ी करनेवालों की गिरफ्तारी के विरोध में छत्तीसगढ़ की तर्ज पर सर्व आदिवासी जेल भरो आंदोलन चलाया जायेगा
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