भारत में दूसरा भारत कैसे हो सकता है, घटना के पीछे राजनीतिक वजह : एसपी
रांची : खूंटी के कांकी में ग्रामीणों ने एकजुट होकर पुलिस प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. शुक्रवार की सुबह 10 बजे से कांकी गांव और हेसाहातू के बीच स्थित मैदान में हजारों की तादाद में ग्रामीण बैठे थे. ग्रामसभा के पदाधिकारी उन्हें एकजुट करने की कोशिश कर रहे थे. इस संबंध में बिरसा पाहन ने बताया कि ग्रामसभा द्वारा ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए बनायी गयी बैरिकेडिंग और मचान को पुलिस ने टांगी और दौली मारकर तोड़ा है. जिसे उनलोगों ने आपस में चंदा कर मेहनत से तैयार किया था. इसके बाद ग्रामीणों को पीटा.
महिलाओं को निशाना बनाया. ग्रामसभा एक संवैधानिक पीठ है. यह पारंपरिक रूढ़ीवादी प्रथा के तहत चलता है. ऐसे में ग्रामसभा के आदेश का उल्लंघन देशद्रोह माना गया है. ग्रामसभा में एसपी सहित घटना में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ भारत की संविधान की धारा 124(8)ए के तहत देशद्रोह का मुकदमा चलेगा. ग्रामसभा ने यह मांग की, कि बैरिकेडिंग और मचान को तहस-नहस करने वाले डीएसपी और उसके साथ आये 60 पुलिसकर्मियों को विभाग बर्खास्त करे. इस मुद्दे पर खूंटी एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा ने कहा कि देश में एक कानून है. यह सबके लिए है. भारत में दूसरा भारत कैसे हो सकता है.
जहां तक बैरिकेडिंग और मचान पुलिस द्वारा हटाने की बात है, तो ऐसा किया गया है. इस संबंध में पुलिस को शिकायत मिली थी. हालांकि शिकायतकर्ता के नाम का खुलासा उन्होंने नहीं किया. एक सवाल के जवाब में कहा कि कांकी का मामला सोशल नहीं बल्कि पॉलिटिकल है.