Irfan Ansari, जामताड़ा: झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने एसआईआर के खिलाफ बड़ा बयान दिया है. उन्होंने केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि एसआईआर के बहाने भाजपा घुसपैठिये बता लोगों का नाम वोटर लिस्ट से काटने का काम कर रही है. उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे एसआईआर का विरोध करें. जब भी एसआईआर के नाम पर बीएलओ उनके घर आएं तो उन्हें बांधकर रखें. ये बातें मंत्री इरफान अंसारी रविवार को सेवा के अधिकार सप्ताह के दौरान कही है.
एसआईआर के बहाने बिहार में 65 लाख लोगों का नाम काटा गया
झारखंड स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने बिहार का उदाहरण देते हुए कहा कि एसआईआर के बहाने 65 लाख लोगों का नाम काटा गया. 65 लाख का मतलब है कि 80 विधानसभा छीन लिया गया हमलोगों (महागठबंधन) से. कई लोगों को वोट देने के अधिकार से वंचित कर दिया गया. कई की नागरिकता छीन ली. ऐसा करके इन लोगों ने (बीजेपी ने) लाखों जनता को घुसपैठिया बता दिया. अब इन लोगों की तैयारी बंगाल में एसआईआर लागू करने की है. उसके बाद झारखंड में करेंगे.
नाम पूछने पदाधिकारी आए तो उन्हें अपने घर में बंद कर लें: मंत्री इरफान अंसारी
स्वास्थ्य मंत्री ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर आपके पास कोई नाम पूछने के लिए आए या फिर काटने के लिए आए तो ऐसे पदाधिकारियों को घर में बंद कर लें और गेट में ताला लगा दें. उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी कीमत पर अपना नाम वोटर लिस्ट से नहीं काटने दें. झारखंड में इतनी आबादी है कि बहुत सारे लोग पर्चा दिखाकर वोट करते हैं. वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने के लिए वे (चुनाव आयोग) कई तरह के पेपर मांगते हैं. ऐसे में लोग कैसे सारे कागजात को दे पाएंगे. अगर कोई नहीं दे पाया तो उसका नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि वे सिर्फ मुसलमानों की बात नहीं कर रहे हैं. वे आदिवासी, दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक हर लोगों की बात कर रहे हैं. क्योंकि बिहार में ऐसा ही हुआ.
मंत्री के बयान का भाजपा जिलाध्यक्ष ने किया पलटवार
भाजपा जिला अध्यक्ष सुमित शरण ने कहा कि मंत्री डॉ इरफान अंसारी ऐसे ही अनाप-शनाप बयान देकर केवल सुर्खियों में रहना जानते हैं. इन्हें जानकारी का घोर अभाव है. जामताड़ा जिला प्रशासन एक राजनीति दल के लिए काम कर रही है. उपायुक्त की मौजूदगी में इस तरह का बयान हुआ. उन्हें इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए. बीएलओ भाजपा के नहीं बल्कि सरकार के कर्मी है. यह सारा काम उपायुक्त के दिशा निर्देश पर ही करते हैं. इसका भी ख्याल रखा जाना चाहिए.
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