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जेएससीए के तीन पूर्व पदाधिकारी 196.23 करोड़ के गबन के आरोप से मुक्त

छह साल पहले बीसीसीआई द्वारा झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन को क्रिकेट मैदान के लिए 196.23 करोड़ रुपये दिये गये थे, लेकिन मैदान नहीं बना था.

सीजेएम विशौल गौरव की अदालत ने सुनाया फैसला अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ नहीं जुटा पाया साक्ष्य मैदान बनाने के लिए बीसीसीआइ ने जेएससीए को दिये थे 196.23 करोड़, लेकिन नहीं हुआ निर्माण मुख्य संवाददाता, जमशेदपुर सीजेएम विशौल गौरव की अदालत ने शुक्रवार को 196.23 करोड़ रुपये के गबन के केस में झारखंड क्रिकेट एसोसिएशन (जेएससीए) के पूर्व सचिव राजेश वर्मा, पूर्व कोषाध्यक्ष गोविंदाे मुखर्जी और आजीवन सदस्य रंजीत कुमार सिंह को आरोप मुक्त करने का फैसला सुनाया. कोर्ट में शिकायतवाद दाखिल होने के बाद अभियोजन पक्ष पर्याप्त साक्ष्य जुटा नहीं पाया. इसका लाभ आरोपियों को मिला. कोर्ट में बचाव पक्ष से अधिवक्ता प्रकाश झा और अधिवक्ता तापस मित्रा ने पैरवी की थी. गौरतलब है कि छह साल पहले बीसीसीआइ ने झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन को क्रिकेट मैदान के लिए 196.23 करोड़ रुपये दिये थे, लेकिन मैदान नहीं बनाया गया. तब सोनारी निवासी व रणजी क्रिकेट टूर्नामेंट के सदस्य उज्ज्वल दास ने (वर्ष 2018 में) झारखंड क्रिकेट एसोसिएशन के तत्कालीन अध्यक्ष अमिताभ चौधरी, सचिव राजेश वर्मा, कोषाध्यक्ष गोविंदाे मुखर्जी व आजीवन सदस्य रंजीत कुमार सिंह के खिलाफ 196.23 करोड़ रुपये के गबन का शिकायतवाद कोर्ट में दाखिल किया था. इसमें जेएससीए के तत्कालीन अध्यक्ष अमिताभ चौधरी के निधन के कारण उनका नाम केस से हटा दिया गया. जबकि 18 अक्तूबर 2021 को सीजेएम कोर्ट ने इस पर संज्ञान लिया. 22 जून, 2023 को कोर्ट ने लगाये गये स्टे को निरस्त भी किया था.

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