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पशु-पक्षियों की मन की बात जान लेती हैं एनिमल कम्युनिकेटर ऋचा वर्मा, टेलीपैथी से ऐसे करती हैं संवाद

जमशेदपुर की एनिमल कम्युनिकेटर ऋचा वर्मा पशु-पक्षियों की मन की बात जान लेती हैं. वे टेलीपैथी के जरिए उनसे संवाद करती हैं. अब तक देश के कई कोने के लोगों को वे मदद कर चुकी हैं.

जमशेदपुर, ब्रजेश सिंह: पशु-पक्षी प्रेमियों के लिए अच्छी खबर है. उनकी समस्याओं या उनके संकेत आप नहीं जान पा रहे हैं, तो एनिमल कम्युनिकेटर से संपर्क कर सकते हैं. वे आपके पालतू जानवर के संकेतों को आपको बता सकते हैं. अगर वह अचानक से अलग व्यवहार कर रहा है, तो उसे जान सकते हैं. वह गुम हो गया है, तो उसे खोज कर निकाल सकते हैं. सुंदरनगर की ऋचा वर्मा पेशे से एनिमल कम्युनिकेटर हैं. वे एनिमल टेलीपैथी के माध्यम से जानवरों से बात करती हैं. उनके व्यवहार और भाषा को समझती हैं. वह पालतू जानवरों के मन के भाव और संकेतों को समझकर आप तक पहुंचाती हैं.

टेलीपैथी से पढ़ लेती हैं मन की बात
ऋचा वर्मा ने बताया कि जानवर अपनी बात हम तक पहुंचाने के लिए विभिन्न संकेत देते हैं. ये संकेत उनकी सोच से शुरू होते हैं. यह एक प्रकार की टेलीपैथी है, जानवर जो सोचता है, हम उसको पढ़ लेते हैं और फिर उसे उनके पालकों को बता देते हैं. इसके लिए न तो जानवर को उनके पास लाना होता है और न ही वह जानवर के पास जाती हैं. सारा काम टेलीफोन पर ही हो जाता है. टेलीपैथी से हम जानवर की समस्या का पता लगाते हैं. इसका कई लोगों को कारगर लाभ हुआ है. लोगों को विश्वास तब होता है, जब घर बैठे-बैठे हम यह बता देते हैं कि आपकी बिल्ली के पैर में लाल निशान है या फिर आपका कुत्ता घर में किस कमरे में किस कोने में बैठना पसंद करता है. तब लोगों को यकीन होता है कि वास्तव में हम उनके जानवर के साथ बात कर पा रहे हैं. कई बार गुम हुआ कुत्ता या बिल्ली या अन्य पशु-पक्षी का लोकेशन भी बता देते है, जिससे पशुपालकों को काफी राहत मिलती है. ऋचा ने इसकी ट्रेनिंग की है. इसका सघन अभ्यास किया है, तब जाकर सफलता मिली है.

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टेलीपैथी से गुम हुए कुत्ते को बताया रास्ता
जमशेदपुर की ऋचा वर्मा बताती हैं कि पिछले दिनों उनके पास एक कॉल आया, जिसमें एक दंपती का कुत्ता खो गया था, वे बेहद परेशान थे. कुत्ते का नाम पूछने के बाद जब वो टेलीपैथी के माध्यम से उनके खोये हुए कुत्ते से बात कर रही थीं, तो पता चला कि वो ज्यादा दूर नहीं था. फिर उन्होंने दंपती को समझाया कि आप शांत भाव से बैठकर अपने कुत्ते को कल्पना में लेते हुए उसे घर तक का रास्ता बताएं, वो शाम तक घर आ जाएगा. पहले तो उन्हें विश्वास नहीं हुआ, लेकिन बाद में मेरी बात मानकर उन्होंने वैसा ही किया और दो घंटे बाद ही उनका कुत्ता घर वापस आ गया. वैसे ही एक महिला का कुत्ता खाना नहीं खा रहा था. जब उनके कुत्ते से संचार किया, तो पता चला कि घर की मालकिन सारे लोगों को बड़े ही व्यवस्थित ढंग से खाना देती हैं, लेकिन जब उनके कुत्ते की बारी आती है, तो वह उसे सारी चीजों को एक साथ मिलाकर दे देतीं. जबकि उनका कुत्ता भी चाहता था कि घर के सारे लोगों की तरह उसे भी जब खाना दिया जाये, तो वह ढंग से सजा हो. जब उन्होंने अपने कुत्ते को खाना देने का अंदाज बदला, तो वह खुशी-खुशी खाना खाने लगा.

मुंबई, तमिलनाडु समेत कई जगहों के लोगों की कर चुकी हैं मदद
सुंदरनगर गुरुद्वारा रोड स्थित आशीर्वाद बंगला में रहने वाली ऋचा ने टेलीपैथी के माध्यम से कई लोगों को लाभ पहुंचाया है. यहां से वह तमिलनाडु के कोयंबटूर निवासी सरस्वती को लाभ पहुंचा चुकी हैं. सरस्वती ने बताया कि उसे टेलीपैथी के माध्यम से उसके पालतू जानवर से बात करने का मौका मिला. बहुत हैरानी हुई कि ऐसा भी होता है. पहले तो यकीन नहीं हुआ, पर जब ऋचा से बात हुई तो यकीन हो गया. मरे हुए पालतू जानवर कोल्बी से बात हुई. वह लैब्राडोर डॉग थी. जब उसे घर लायी थी, तो वह एक माह की थी. उसने ऐसी-ऐसी बात बतायी, तो उसके साथ हुआ था. जानवरों को जानने, उसकी मदद करने और मदद लेने का यह बेहतरीन जरिया है. इसी तरह, नवी मुंबई के शहबाज बरोडावाला ने बताया कि आवारा कुत्तों से बचाकर वे दो बिल्लियों को घर लेकर आये थे. बाद में ऋचा की मदद से बिल्लियों के मालिक से बात की और उन्हें लौटा दिया.

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