जमशेदपुर : कैट के राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोंथालिया के अनुसार उनके सोनारी के एक अपार्टमेंट में रहने वाले 60 वर्षीय परिचित व्यक्ति को कुछ दिनों पूर्व हार्ट की समस्या होने पर शहर के बड़े अस्पताल ले जाया गया.
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इलाज के लिए चार घंटे परिचित के परिजन रहे परेशान : सोंथालिया
जमशेदपुर : कैट के राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोंथालिया के अनुसार उनके सोनारी के एक अपार्टमेंट में रहने वाले 60 वर्षीय परिचित व्यक्ति को कुछ दिनों पूर्व हार्ट की समस्या होने पर शहर के बड़े अस्पताल ले जाया गया. वहां लगभग एक से डेढ़ घंटे तक प्रयास करने पर नो बेड की जानकारी मिली, जिसके बाद […]
वहां लगभग एक से डेढ़ घंटे तक प्रयास करने पर नो बेड की जानकारी मिली, जिसके बाद सभी लोग उन्हें तामुलिया स्थित अस्पताल ले जा रहे थे, लेकिन घर से ज्यादा दूरी होने की समस्या को देखते हुए रास्ता से लौट कर बिष्टुपुर स्थित अस्पताल ले जाने का निर्णय लिया गया अौर वहां जाते-जाते उनका निधन हो गया.
सभी लोग तीन से चार घंटे तक अस्पताल में भर्ती करने के लिए परेशान रहे अौर अंतत: उनको नहीं बचाया जा सका.उनका बेटा नाइजीरिया में रहता था अौर दो दिनों बाद उसके आने के बाद अंतिम संस्कार किया गया. वे किसी अस्पताल प्रबंधन पर दोष नहीं देते, लेकिन सरकार को इस अोर ध्यान देना चाहिये अौर अस्पताल व बेड की संख्या बढ़ानी चाहिये.
आबादी बढ़ी, लेकिन अस्पताल नहीं बढ़े
सुरेश सोंथालिया के अनुसार पिछले पांच-सात सालों में डेंगू समेत अन्य तरह की बीमारी का प्रकोप बढ़ा है. इसका मुख्य कारण प्रदूषण व गंदगी भी है. जिस हिसाब से शहर की आबादी बढ़ी है, उस हिसाब से शहर में अस्पताल-बेड की सुविधा नहीं बढ़ी है, जहां क्रिटिकल स्थिति होने पर बेहतर उपचार हो सके. एमजीएम अस्पताल में पूर्व की तुलना में थोड़ा सुधार हुआ है, लेकिन जो सुधार-सुविधा होनी चाहिये, वह नहीं हो पायी है अौर एक तबका अब भी उस असपताल में जाने से घबराता है.
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