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जमशेदपुर : टाटा स्टील में नौकरी छोड़ो नौकरी पाओ स्कीम इसी माह

जमशेदपुर : टाटा स्टील लिमिटेड में कर्मचारियों के लिए एक बार फिर ‘नौकरी छोड़ो, नौकरी पाओ’ स्कीम लागू होगी. फरवरी माह के अंत तक यह स्कीम प्रारंभ होने की उम्मीद है. स्कीम में कर्मचारियों से लेकर कंपनी प्रबंधन तक का फायदा है. कंपनी में वर्ष में दो बार यह स्कीम लागू की जाती है. कर्मचारी […]

जमशेदपुर : टाटा स्टील लिमिटेड में कर्मचारियों के लिए एक बार फिर ‘नौकरी छोड़ो, नौकरी पाओ’ स्कीम लागू होगी. फरवरी माह के अंत तक यह स्कीम प्रारंभ होने की उम्मीद है. स्कीम में कर्मचारियों से लेकर कंपनी प्रबंधन तक का फायदा है. कंपनी में वर्ष में दो बार यह स्कीम लागू की जाती है. कर्मचारी इस स्कीम का लाभ लेकर अपनी जगह अपने बच्चों की टाटा स्टील में नौकरी लगा सकते हैं. यह योजना पूरी तरह स्वैच्छिक है.

यह योजना विशेष तौर पर उन कर्मचारियों के लिए लाभप्रद है जो बीमार चल रहे हैं और अब कंपनी में सेवा देने के लिए स्वयं को फिट नहीं मान रहे हैं. कंपनी प्रबंधन की ओर से स्कीम की रूपरेखा तैयार की जा रही है. 55 साल उम्र वाले कर्मचारी इस योजना का लाभ ले सकते हैं. आवेदन करने के निए कर्मचारियों को करीब एक माह का समय मिलेगा. हालांकि फिलहाल कंपनी प्रबंधन व टाटा वर्कर्स यूनियन की ओर से इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गयी है.

  • कर्मचारी इस स्कीम का लाभ लेकर अपनी जगह अपने बच्चों की टाटा स्टील में नौकरी लगा सकते हैं
  • 55 साल उम्र वाले कर्मचारी इस योजना का लाभ ले सकते हैं.
  • आवेदन करने के निए कर्मचारियों को करीब एक माह का समय मिलेगा. यह योजना पूरी तरह स्वैच्छिक है.
स्कीम में शामिल हो सकते हैं ये अहम बिंदु
प्रशिक्षुओं को ट्रेड अप्रेंटिस का प्रशिक्षण दिया जाता है. प्रशिक्षण के उपरात ट्रेड अप्रेंटिस की ही तरह एनसीवीटी की डिग्री दी जाती है. प्रशिक्षुओं को ट्रेड अप्रेंटिस की ही तरह स्टाइपेंड दिया जाता है. नौकरी छोड़ने पर कर्मचारियों को प्रतिमाह छह हजार रुपए दिए जाते हैं. प्रत्येक साल 250 रुपये की बढ़ोत्तरी की जाती है.
कर्मचारी को मिलती रहती है क्वार्टर व मेडिकल की सुविधा. ट्रेनिंग पूरी होने के बाद कर्मचारी पुत्र के नाम पर पुराना क्वार्टर आवंटित हो जाता है. ऐसे आश्रित जिनकी उम्र 18 से 30 साल के बीच है और उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा अंग्रेजी, विज्ञान, गणित के साथ उत्तीर्ण की है, को दो साल का प्रशिक्षण देकर एनएस 4 ग्रेड में समायोजित किया जाता है.
एक साल के प्रशिक्षण के उपरात यदि प्रशिक्षु अनुत्तीर्ण होता है या दूसरे साल का प्रशिक्षण जारी नहीं रखना चाहता है तो एक साल की समाप्ति के बाद उसे एनएस 1 ग्रेड में नियोजन होने का विकल्प भी खुला रहता है.
जिन आश्रितों की आयु 18 से 44 साल के बीच है और उन्होंने एनसीवीटी, डिप्लोमा इंजीनियरिंग, आइसीटीइ मान्यता प्राप्त संस्था, आरडी टाटा टेक्निकल इंस्टीट्यूट और जेएन टाटा टेक्निकल इंस्टीट्यूट गोपालपुर से उत्तीर्ण की है, एक साल के प्रशिक्षण के उपरांत एनएस-4 ग्रेड में नियोजित किए जाते हैं.

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