केरेडारी. चंद्रगुप्त कोयला खनन परियोजना से विस्थापित होनेवाले रैयतों के पक्ष में उच्च न्यायालय का आदेश आने के बाद रविवार को पचड़ा के भू-रैयतों ने शिव मंदिर प्रांगण में बैठक की. ग्रामीणों को बताया गया कि भूमि अधिग्रहण अधिनियम-2013 के तहत मुआवजा भुगतान के साथ-साथ वर्तमान बाजार दर के अनुरूप भूमि का मुआवजा समेत अन्य सुविधाएं मिलेंगी. मौके पर पूर्व मंत्री योगेंद्र साव ने कहा कि कुछ महीने पहले झारखंड उच्च न्यायालय में ग्रामीणों के माध्यम से रिट पिटीशन फाइल की गयी थी. उच्च न्यायालय ने फैसला रैयतों के पक्ष में दिया है. जेएलकेएम नेता बालेश्वर कुमार ने कहा कि झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुसार 2013 अधिनियम एवं बाजार दर से मुआवजा भुगतान करने का निर्देश सीसीएल के चंद्रगुप्त परियोजना को मिला है. इस फैसले से विस्थापित होने वाले ग्रामीण काफी खुश हैं. बैठक में कृष्ण लाल मोहन, संचालन तनु कुमार, बिहारी पासवान, संजय पासवान, ख्याली कुमार, रियाज अंसारी, डॉ रवि पांडे, प्रभु यादव, लक्ष्मण साव, बालेश्वर पासवान, सिकंदर कुमार, जगन साव, भुनेश्वर महतो, अजय राणा, अजय साव, नारायण साव, रघु साव, युगल राणा, भोला राणा, कृष्ण यादव, दशमी देवी, पुष्पा देवी समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण रैयत उपस्थित थे.
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