हजारीबाग : सदर विधायक मनीष जायसवाल ने विधासनभा के बजट सत्र में हजारीबाग निगम द्वारा दाखिल खारिज के साथ लगान रसीद नहीं काटे जाने का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि वर्ष 1916 के पूर्व से ही हजारीबाग नगर निगम का इस पर स्वामित्व रहा है. उक्त मौजा व थाना की भूमि का दाखिल खारिज व लगान रशीद भी निर्गत करना निगम के माध्यम से ही किया जाता रहा है.
लेकिन उक्त मौजा व थाना से संबंधित जमीनों के सभी कागजात रहने के बावजूद विगत कुछ वर्षों से उक्त क्षेत्र में रहनेवाले लोगों को दाखिल-खारिज में परेशानी हो रही है. उन्होंने बताया कि उक्त निगम कार्यालय के पत्रांक- 2644, दिनांक- 28. 08. 2014, पत्रांक- 1819, दिनांक- 03. 06.2015 व पत्रांक- 3220, दिनांक- 08. 09. 2017 के माध्यम से उक्त संबंध में सचिव, नगर विकास एवं आवास विभाग, झारखंड सरकार, रांची से मार्गदर्शन आदेश उपलब्ध कराने का आग्रह किया है.
सरकार की ओर से वर्तमान में दाखिल-खारिज व लगान रसीद नहीं काटने पर संपूर्ण प्रतिवेदन डीसी हजारीबाग से मांगा गया है. प्रतिवेदन प्राप्त होने के बाद निर्णय लिया जायेगा. विधायक श्री जायसवाल ने पुनः उनसे आग्रह किया कि उक्त कार्य वर्ष 2015 से रुका हुआ है. उन्होंने कहा कि इस दौरान किसी की बेटी की शादी रुक गयी, तो कोई अपनी बीमारी का इलाज नहीं करवा पा रहा है. जमीन का म्यूटेशन, एलपीसी व रसीद नहीं रहने से न तो बैंक में गिरवी रख पा रहे है और न ही उसे बेच पा रहे है.