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:::: अराजकता को रोकता है कानून: यशवंत

:::: अराजकता को रोकता है कानून: यशवंत एड्स दिवस पर विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन. 1 गुम 1 में कार्यक्रम में न्यायिक पदाधिकारी.1 गुम 2 में कार्यक्रम में लोग.प्रतिनिधि, गुमलाविश्व एड्स दिवस के अवसर पर झालसा के तत्वावधान में मंगलवार को सदर अस्पताल परिसर गुमला में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया. मौके पर […]

:::: अराजकता को रोकता है कानून: यशवंत एड्स दिवस पर विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन. 1 गुम 1 में कार्यक्रम में न्यायिक पदाधिकारी.1 गुम 2 में कार्यक्रम में लोग.प्रतिनिधि, गुमलाविश्व एड्स दिवस के अवसर पर झालसा के तत्वावधान में मंगलवार को सदर अस्पताल परिसर गुमला में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया. मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव यशवंत प्रकाश ने उपस्थित लोगों को प्राधिकार के कार्यों, मध्यस्थता, लोक अदालत का आयोजन, नि:शुल्क अधिवक्ता मुहैया कराने आदि की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जिस प्रकार शरीर के अस्वस्थता को दूर करने के लिए चिकित्सा की जाती है. उसी प्रकार समाज में फैली बुराइयों को दूर करने के लिए कानूनी जागरूकता जरूरी है. एक सशक्त कानून किसी भी समाज में अराजकता को फैलने से रोकता है. सीएस एसएन झा ने कहा कि एड्स छुआछूत की बीमारी नहीं है. जानकारी ही इस बीमारी का सबसे बड़ा बचाव है. वहीं अधिवक्ता तापस लाल व नीरज कुमार ने विधिक जानकारी और एसीएमओ डॉ अशोक कुमार ने एड्स के कारण, लक्षण व बचाव के बारे में जानकारी दी. इस अवसर पर मंच का संचालन अधिवक्ता बुंदेश्वर गोप ने किया. मौके पर दर्जनों की संख्या में चिकित्सा कर्मी व ग्रामीण उपस्थित थे. छात्राओं ने निकाली जागरूकता रैली विश्व एड्स दिवस के अवसर पर मंगलवार को लुथेरान उच्च विद्यालय गुमला व महिला महाविद्यालय गुमला की छात्राओं ने शहर में जागरूकता रैली निकाली. रैली सदर अस्पताल परिसर स्थित सीएस कार्यालय के समीप से शुरू हुई. सीएस एसएन झा ने हरी झंडी दिखा कर रैली को रवाना किया. जो शहर के विभिन्न मुख्य मार्गों से होकर गुजरा. रैली रवाना होने से पहले सीएस ने कहा कि एचआइवी एड्स सिर्फ असुरक्षित यौन संबंध से नहीं होता है, बल्कि कई बार नीडिल प्रिक, ब्लड चढ़ाने सहित अन्य द्रव्यों के संपर्क में आने से भी होता है. गर्भवती महिला से उसके होनेवाले बच्चे भी इस बीमारी की चपेट में आ सकते हैं. लेकिन इसके बचाव के भी उपाय हैं. हमारा प्रयास है कि गर्भावस्था के पूर्व तिमाही में गर्भवती माताओं का एचआइवी जांच हो. ताकि बच्चे को संक्रमित होने से बचाया जा सके. जागरूकता ही इस बीमारी का सबसे बड़ा बचाव है. एसीएमओ डॉ अशोक कुमार ने एचआइवी के संक्रमण और इसके इलाज पर विस्तृत जानकारी दी.

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