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लीड ::7::: बुनियादी सुविधा भी नहीं है पाखर पंचायत

लीड ::7::: बुनियादी सुविधा भी नहीं है पाखर पंचायत फोटो- एलडीजीए-3 ताला बंद है शंकर सिंह के घर में, एलडीजीए-4 वर्ष 2013 से अधूरा पड़ा इंदिरा आवास, एलडीजीए-5 जर्जर पथ, एलडीजीए-6 खराब पड़ा चापानल, एलडीजीए-8 शिवनाथ शाही, एलडीजीए-9 शांति देवी, एलडीजीए-10 सोभन कुमार, एलडीजीए-11 बुदी उरांव, एलडीजीए-12 मुनिया देवी.किस्को/ लोहरदगा. किस्को प्रखंड के पाखर पंचायत […]

लीड ::7::: बुनियादी सुविधा भी नहीं है पाखर पंचायत फोटो- एलडीजीए-3 ताला बंद है शंकर सिंह के घर में, एलडीजीए-4 वर्ष 2013 से अधूरा पड़ा इंदिरा आवास, एलडीजीए-5 जर्जर पथ, एलडीजीए-6 खराब पड़ा चापानल, एलडीजीए-8 शिवनाथ शाही, एलडीजीए-9 शांति देवी, एलडीजीए-10 सोभन कुमार, एलडीजीए-11 बुदी उरांव, एलडीजीए-12 मुनिया देवी.किस्को/ लोहरदगा. किस्को प्रखंड के पाखर पंचायत का सर्वांगीण विकास नहीं हो सका. पांच वर्षों पूर्व लोगों ने बड़ी उम्मीद के साथ मुखिया का चुनाव किया था, लेकिन अपेक्षा पर मुखिया खरा नहीं उतरे. वर्तमान समय में पाखर पंचायत अनुसूचित जनजाति महिला के लिए आरक्षित कर दिया गया है. पाखर पंचायत में 12 वार्ड बनाये गये हैं. यहां 5507 लोग निवास करते हैं. यहां सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य की बदतर स्थिति है. ग्रामीण समस्याओं से घिरे हुए हैं. मुखिया शनिचरवा किसान हैं. ग्रामीण विकास को लेकर निराश देखे जा रहे हैं. पाखर पंचायत में बाॅक्साइट का अकूत भंडार है. कई बड़ी कंपनियां बाॅक्साइट का खनन एवं परिवहन करती है, बावजूद क्षेत्र उपेक्षित है. काम के अभाव में लोग पलायन को विवश हैं. पंचायत के कई घरों में ताला बंद है. बॉक्साइट खदान क्षेत्र है पंचायतपाखर पंचायत में हिंडालको, बीकेबी के अलावे अन्य निजी बाॅक्साइट खदान हैं, लेकिन इस इलाके का सर्वांगीण विकास नहीं हो पाया है़ इस पंचायत से बाॅक्साइट खनन एवं परिवहन के माध्यम से करोड़ों रुपये का कारोबार प्रतिदिन होता है. कंपनियां सिर्फ शोषण कर रही है. ग्रामीण प्रदूषण की चपेट में आकर नयी बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं. बिजली की सुविधा नहींपाखर पंचायत में बिजली की सुविधा नहीं है. ग्रामीणों ने कई बार इसकी फरियाद पंचायती राज प्रतिनिधियों के अलावे प्रशासनिक अधिकारियों से भी की़ लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ. ग्रामीणों ने सौर ऊर्जा के माध्यम से विद्युतीकरण कराने का अनुरोध उपायुक्त से किया है. उनका कहना है कि यहां के लोग अंधेरे में रहने को विवश हैं. अक्सर जंगली जानवरों का हमला होते रहता है. बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पाती है. ग्रामीणों ने सौर ऊर्जा के माध्यम से रोशनी पहुंचाने की मांग की है. पलायन को विवश हैं ग्रामीणपंचायत के सिबनाथ शाही का कहना है कि इस क्षेत्र में कोई सुविधा नहीं है. लोग पलायन को विवश हो रहे हैं. सोभन कुमार का कहना है कि पंचायत चुनाव के बाद भी स्थिति में बदलाव नहीं हुआ. कुछ लोगों का विकास हुआ. मुनिया देवी का कहना है कि मुखिया एक इंदिरा आवास नहीं दिला सका तो वो पंचायत का विकास क्या करेगा. बुदी उरांव का कहना है कि पंचायत राज व्यवस्था में विकास के नाम पर कुछ लोगों की दुकानदारी चली. नाथपुर गांव निवासी शांति देवी का कहना है कि पांच साल में सिर्फ बातें बनायी गयी. अधूरा पड़ा है इंदिरा आवासपाखर पंचायत में वर्ष 2013-14 में सलैया गांव निवासी चिंतु देवी पति शिबनाथ शाही को इंदिरा आवास मिला. इन्हें 18 हजार 700 रुपये दिया गया. इंदिरा आवास अब तक अधूरा पड़ा है. पाखर पंचायत में पेयजल की भी किल्लत है. चापानल खराब पड़े हैं. लोग दूषित जल पीने को विवश हैं. इसी इलाके में रोजगार का भी अभाव है. सलैया गांव निवासी शंकर सिंह रोजगार के तलाश में पूरे परिवार के साथ अपने घर में ताला बंद कर दूसरे प्रदेश चले गये.

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