दवा का जानकार नहीं, उसे ही दे दिया दवा बांटने की जिम्मेवारी.13 गुम 15 में जनऔषधि केंद्र.प्रतिनिधि, गुमलासदर अस्पताल गुमला में जनऔषधि केंद्र शो-पीस बन कर रह गया है. क्योंकि डॉक्टर जनऔषधि की दवा कभी-कभी ही लिखते हैं. पांच डॉक्टर में एक ही डॉक्टर मरीजों को जनऔषधि की दवा लिखते हैं. नहीं तो अधिकांश मरीजों को बाहर से निजी दुकान से दवा लेने की सलाह दे जाती है. कई डॉक्टर तो ऐसा पुरजा लिखते हैं कि उन्हें मजबूरन निजी दवा दुकान से दवा खरीदने के लिए बाध्य होना पड़ता है. सबसे चौंकानेवाली बात कि अभी दो हेल्थ वर्कर को जनऔषधि केंद्र में डिपुटेशन पर रखा गया है. लेकिन ये दोनों कर्मचारियों को दवा की ज्यादा जानकारी नहीं है. ऐसे में मरीजों को गलत दवा देने का डर है. यहां बता दें कि जनऔषधि केंद्र लंबे समय से अस्पताल में चल रहा है. लेकिन इधर अखबारों में न्यूज छपने के बाद एक सप्ताह से कुछ डॉक्टर जनऔषधि की दवा लिख रहे हैं. एक हेल्थ वर्कर ने बताया कि जनऔषधि केंद्र में कई दवा नहीं है. डॉक्टर जो पुरजा लिखते हैं. उसे पढ़ भी नहीं पाते हैं. क्योंकि डॉक्टर की लिखावट साफ-साफ नहीं होती है. बहुत से दवा की जानकारी भी नहीं है. इस कारण मरीजों को दवा देने में डर लगता है.
लीड :6:::: डॉक्टर कभी-कभी लिखते जनऔषधि की दवा
दवा का जानकार नहीं, उसे ही दे दिया दवा बांटने की जिम्मेवारी.13 गुम 15 में जनऔषधि केंद्र.प्रतिनिधि, गुमलासदर अस्पताल गुमला में जनऔषधि केंद्र शो-पीस बन कर रह गया है. क्योंकि डॉक्टर जनऔषधि की दवा कभी-कभी ही लिखते हैं. पांच डॉक्टर में एक ही डॉक्टर मरीजों को जनऔषधि की दवा लिखते हैं. नहीं तो अधिकांश मरीजों […]
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