दुर्जय पासवान, गुमला
सिमडेगा जिला के पाकरटाड़ थाना क्षेत्र में अपनी ही भतीजी से चाचा रायडीह थाना के भलमंडा निवासी राजू लोहरा ने दुष्कर्म किया. इसके बाद खून से लथपथ भतीजी को मरा समझकर उसे नाले में फेंककर भाग गया. लड़की नाबालिक है और दुष्कर्म के बाद वह बेहोश हो गयी थी. बीते 10 दिनों से पीड़िता का सिमडेगा अस्पताल में इलाज चला है. घटना 25 अप्रैल की है.
पीड़िता का होश आने व केस दर्ज करने के बाद पाकरटाड़ थाना की पुलिस सक्रिय हुई. मंगलवार को पाकरटाड़ के थाना प्रभारी जयकिशोर सिंह पुलिस बल के साथ रायडीह पहुंचे. रायडीह थाना प्रभारी रविंद्र शर्मा से मिलकर आरोपी राजू लोहरा को पतराटोली बस पड़ाव से धर दबोचा.
वहीं, सिमडेगा से पीड़िता को रायडीह थाना लाकर आरोपी की पहचान करायी गयी. पीड़िता ने आरोपी की पहचान कर ली है. मौके पर पाकरटाड़ व रायडीह के थानेदार ने संयुक्त रूप से प्रेस कांफ्रेंस किया. उन्होंने बताया कि राजू 25 अप्रैल को शादी समारोह में पाकरटाड़ के एक गांव गया था. जहां वह अपने भाई के घर रूक गया.
इसके बाद दूसरे दिन वह अपनी नाबालिक भतीजी को दातुन तोड़ने के बहाने तेलीडीपा जंगल ले गया. जहां भतीजी के साथ राजू ने दुष्कर्म किया. इससे बच्ची खून से लथपथ होकर बेहोश हो गयी. आरोपी राजू ने उसे मरा समझ लिया और जंगल से बहने वाले एक नाले में फेंक दिया. इसके बाद वह घर आकर बच्ची को उसके परिजनों से खोजने का ढोंग करता रहा.
इधर, जब बच्ची नहीं मिली तो परिजन परेशान हो गये. गांव के ही पीयूष सोरेन जंगल में पशु चारा रहा था. कुछ बच्चों ने नाले में बच्ची को देखकर इसकी सूचना पीयूष को दी. पीयूष बच्ची को पहचान गया. परिजनों को सूचना दी गयी. इसके बाद बच्ची को अस्पताल में भरती कर इलाज कर जान बचायी गयी. इधर, बच्ची के मिलने के बाद आरोपी फरार हो गया. जब पीड़िता को होश आया तो उसने थाने में केस की और पुलिस ने आरोपी को रायडीह से धर दबोचा.