गोड्डा-पथरगामा मुख्य मार्ग स्थित सोनारचक मोड़ के समीप सापिन नदी का पुल बिना पिलर का नजर आ रहा है. सापिन नदी पुल के दोनों किनारों पर लगा अधिकतर पिलर टूटकर विलुप्त हो गया है. वर्तमान समय में गिनती पर कुछ पुराने पिलर पुल के दोनों किनारों के हिस्से में नजर आते हैं. बता दें कि सापिन नदी के पुल होकर दिन-रात छोटी-बड़ी वाहनों का आवागमन होता रहता है. ऐसे में बिना पिलर के पुल से गुजरने वाले वाहन चालकों को विशेष चौकसी बरतते हुए वाहनों को पुल से पार करना पड़ता है. यदि पुल पर आमने-सामने से दो बड़े वाहन एक साथ आ जाता है, तो साइड देने के दौरान वाहन को पुल से नीचे गिरने की संभावना बढ़ जाती है. जरा सी चूक होने पर पुल से नीचे गिरने की बातों से इंकार नहीं किया जा सकता है.
पिलर के नहीं रहने से पहले भी कई वाहन गिर चुका है नीचे
बताते चलें कि पुल पर पिलर नहीं रहने से पूर्व में कई वाहन नीचे गिर चुके हैं. विगत पांच वर्ष पूर्व एक बालू ट्रैक्टर भागने के दौरान डाला सहित पुल के नीचे जा गिरा था, जिसमें चालक घायल हुआ था. वहीं तकरीबन तीन वर्ष पूर्व एक घोड़ा गाड़ी घोड़ा सहित पुल के नीचे जा गिरा था. इसमें घोड़ा घायल हो गया था. वहीं लगभग ढाई वर्ष पूर्व अंधेरे में एक साइकिल सवार भी साइकिल सहित पुल से नीचे जा गिरा था, हालांकि गनीमत थी कि पुल के नीचे मिट्टी की ढेर पर गिरने से बाल-बाल बच गया था. रात के अंधेरे में सापिन नदी का पुल पार करने में चालकों को सावधानी बरतनी पड़ रही है. स्थानीय गोपाल प्रसाद यादव, प्रेम प्रकाश, बबलू भगत, सुबोध महतो, अनिल भगत, पंकज भगत आदि ग्रामीणों का कहना है कि सापिन नदी पुल के दोनों किनारों पर पिलर लगाये जाने की जरूरत है, अन्यथा कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है