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रक्त की कमी, हायर सेंटर रेफर
झोलाछाप के चक्कर में फंस कर पहाड़िया बच्ची की हालत बिगड़ी गोड्डा : सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी पहाड़िया समुदाय को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. आदिवासी पहाड़िया क्षेत्रों में आज भी झोलाछाप से ही पहाड़िया परिवार इलाज कराने को विवश है. गुरुवार को एक ऐसा ही मामला स्वास्थ्य विभाग को […]
झोलाछाप के चक्कर में फंस कर पहाड़िया बच्ची की हालत बिगड़ी
गोड्डा : सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी पहाड़िया समुदाय को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. आदिवासी पहाड़िया क्षेत्रों में आज भी झोलाछाप से ही पहाड़िया परिवार इलाज कराने को विवश है.
गुरुवार को एक ऐसा ही मामला स्वास्थ्य विभाग को उस वक्त मालूम पड़ा जब गंभीर अवस्था में सुंदरपहाड़ी प्रखंड क्षेत्र के बेलपहाड़ी गांव से ढ़ाई वर्ष की पहाड़िया बच्ची चांदनी गिरी का इलाज कराने उसके पिता मैधू गिरी व माता लक्ष्मी गिरी सदर अस्पताल पहुंचे. अस्पताल में ड्यूटी कर रहे दंत चिकित्सक डॉ अमोद मिश्र ने बच्ची के माता-पिता से जानकारी ली. डॉ मिश्र के प्रयास से तुरंत अस्पताल में पहाड़िया बच्ची का इलाज शुरू कर दिया. बच्ची के शरीर का रंग पीला पड़ता देख चिकित्सक ने तुरंत मलेरिया, कालाजार, एनिमिया की जांच करायी. जांच रिपोर्ट में कालाजार, मलेरिया नहीं निकला.
लेकिन बच्ची के शरीर में मात्र 2.8 ग्राम रक्त की मात्र थी. इसलिए चिकित्सकों ने बच्ची को हायर सेंटर ले जाने की सलाह दी. पिता मैधु गिरी ने आर्थिक परेशानी बता कर बाहर इलाज कराने में असमर्थता जतायी है. उन्होंने बताया कि चांदनी की तबीयत दो माह से खराब है.
स्थानीय स्तर पर गांव के झोलाछाप से इलाज कराया. उसने मलेरिया बता कर दवा के नाम पर ढ़ाई हजार तक ठग लिया. बाद में पहाड़िया एनिमिक बच्ची को अस्पताल के एंबुलेंस से देवघर भेजा गया.
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