शाम ढलते ही यहां अंधेरा पसर जाता है. कार्यरत कर्मियों से भी यहां ओवरटाइम करवाया जाता है. कर्मियों की सुरक्षा भी भगवान भरोसे है. टोल के छत जर्जर हो गया है. हवा के तेज झोंके से एस्बेस्टस गिरने का खतरा मंडराता रहता है. जान जोखिम में डालकर कर्मी यहां काम करते हैं.
आठ की जगह 12 घंटे लेते हैं काम
प्रावधान की अनदेखी कर संवेदक के कर्मी आठ की जगह बारह घंटे काम लेते हैं. यहां सुविधा के नाम पर दिखावा अधिक हो रहा है. वाहन लेकर जाने वाले टैक्स देने के बाद भी सुविधा से वंचित हैं. शौचालय नहीं रहने से खासकर महिलाओं को काफी परेशानी होती है. सुटोल प्रबंधक के रवैये से कर्मियों में भी काफी रोष है, लेकिन रोजगार के वह कारण खुलकर विरोध नहीं कर पा रहे हैं.यूपी के संवेदक वसूल रहे हैं टैक्स
नावासारी टोल पर टैक्स वसूली की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश के अनिल कुमार शुक्ला को मिली है. वहीं, प्रबंधक यूपी के ही शिवम तिवारी हैं. व्यस्त मार्ग होने के कारण प्रतिदिन अच्छी वसूली के बाद भी यहां सुविधाओं को नजरअंदाज किया जा रहा है. स्थानीय मुखिया सुकन्या कुमारी सहित अन्य जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों का कहना है कि रात में यहां अंधेरा होने से आये दिन वाहन सवार दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं. मामला बढ़ने के बाद स्थानीय जनप्रतिनिधियों व पुलिस प्रशासन को परेशान होना पड़ता है. कई बार प्रबंधक शिवम तिवारी को व्यवस्था में सुधार लाने की बात कही गयी, लेकिन वे ऊंची पहुंच की बात कह वह धमकाते हैं. इधर प्रबंधक के मनमानी के विरुद्ध जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने एनएच के अधिकारियों से जांच कर कार्रवाई की मांग की है.क्या कहते हैं प्रबंधक
इधर, प्रबंधक शिवम तिवारी ने कहा यहां सुविधा नहीं है, तो वह कुछ नहीं कर सकते हैं. पहले के संवेदक से जैसी व्यवस्था मिली है, उसी आधार पर टोल का संचालन किया जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है