Ram Navami 2024: गिरिडीह (मृणाल कुमार)-झारखंड के गिरिडीह जिले में रामनवमी को लेकर तैयारियां चल रही हैं. शहरी व ग्रामीण इलाकों के चौक-चौराहों पर महावीरी झंडों की दुकानें सज गयी हैं. शहर से लेकर गांव तक का माहौल राममय होने लगा है. जगह-जगह पूजा समितियां बैठकें कर धूमधाम के साथ रामनवमी मनाने की तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं. महावीरी झंडों से मंदिर और घर, गांव और शहर पट जाते हैं. खास बात यह है कि इस महावीरी झंडे को बनाने में गिरिडीह शहर के अधिकतर मुस्लिम परिवार शामिल हैं. ये परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी यह काम पूरी तन्मयता से करते आ रहे हैं. श्रद्धा और आस्था के पर्व को यह पहलू चार चांद लगा देता है.
समद साठ साल से बनाते हैं महावीरी झंडा
शहर के बड़ा चौक में गत छह दशकों से अधिक समय से महावीरी झंडा तैयार करने वाले परिवार के दर्जी मुहल्ला के निवासी कारीगर मो समीद अहमद अल्लामां इकबाल के शेर ‘मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर करना..’ पर बड़ा भरोसा जताते हैं. मो समीद कहते हैं कि वे पिछले 60 वर्षों से अधिक समय से महावीरी झंडा बनाकर बड़ा चौक में दुकान लगाकर बेचते हैं. कहा कि कई बार त्योहारों में सांप्रदायिक दंगे भी हो चुके हैं, पर हर वर्ष सपरिवार रामनवमी के अवसर पर महावीरी झंडा बनाते हैं. इनके सिले हुए महावीरी झंडा लोगों के बीच काफी पसंद किये जाते हैं.
परिवार के सभी लोग रियाज को मदद करते हैं
शहर के बरवाडीह के रहने वाले मो. रियाज बताते हैं कि वह पिछले 37 वर्षों से अधिक समय से रामनवमी के मौके पर महावरी झंडा बना रहे हैं. उन्होंने बताया कि वे अपने परिवार के साथ मिलकर महावीरी झंडा बनाते हैं और दुकानों में सप्लाई करते हैं. उन्होंने लोगों से आपसी भाईचारे के साथ रामनवमी का त्योहार मनाने की अपील की.
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इस पुनीत कार्य में आधी सदी गुजर गयी इम्तियाज की
शहर के भंडारीडीह के मो इम्तियाज 15 साल की उम्र से ही महावीरी झंडा बनाते आ रहे हैं. यह काम करते हुए उन्होंने आधी सदी पार कर दी. इस दौरान कभी भी यह काम नहीं रुका. कहा कि रामनवमी के मौके पर महीवीरी झंडा बनाने में परिवार का सभी सदस्य हाथ बंटाते हैं. बड़ा चौक स्थित दुकान में वह झंडा बेचते हैं. कहा कि कई ऐसे ग्राहक हैं जो हर साल उन्हें ढूंढ़ कर महावीरी झंडा लेने पहुंचते हैं. मो इम्तियाज कहते हैं कि गिरिडीह के लोग शांतिप्रिय हैं और हर पर्व-त्योहार यहां के लोग आपसी भाईचारे के साथ मनाते हैं.
सरकारी रास्ते से रामनवमी झंडा जुलूस निकालने की गुहार
बिरनी प्रखंड के लेवरा-दलांगी के ग्रामीणों ने अधिकारियों को आवेदन देकर रामनवमी जुलूस को सरकारी रास्ते से निकालने की गुहार लगायी है. अशोक राम, बिलटू मोदी, कालेश्वर पासवान, द्वारिका राम, भिखन यादव, अमृत यादव समेत सैकड़ों ग्रामीणों ने हस्ताक्षरयुक्त आवेदन उपायुक्त, एसपी, बगोदर सरिया एसडीओ, एसडीपीओ, बिरनी बीडीओ, थाना प्रभारी को दिया है. आवेदन में कहा कि लेवरा दलांगी में 50 वर्षों से रामनवमी का पर्व मनाया जा रहा है. गांव से शांतिपूर्वक जुलूस निकलाता है. जुलूस लेवरा-दलांगी बजरंग बली मंदिर से निकलकर बंगराकला रामनवमी अखाड़ा पहुंचता है. वहां से झंडा मिलन कर जुलूस शाम को वापस होता है. सर्वे रास्ता ठीक नहीं रहने के कारण जुलूस जैसे-तैसे ग्रामीण निकलवाते थे. गांव में सरकारी रास्ते बनने के बाद एक समुदाय के लोगों ने सरकारी रास्ते पर घर बना लिया. इसके बाद वर्ष 2023 में रामनवमी जुलूस को प्रशासन व पुलिस पदाधिकारी की उपस्थिति के बाद भी एक समुदाय के लोगों ने रोक कर पथराव किया था और झंडा फाड़ दिया था. पथराव में कई लोग घायल हो गये थे. जुलूस में तैनात एसडीपीओ, बीडीओ व थाना प्रभारी ने मामला शांत कराया था. ग्रामीणों का कहना है कि अब सर्वे रास्ता कालीकरण हो गया तो जुलूस सर्वे रास्ते से ही निकालने की अनुमति दी जाये.