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जर्जर सदर अस्पताल में कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा
गिरिडीह :जर्जर सदर अस्पताल में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. दस दिनों में अस्पताल के वार्ड के करीब दो बार छत का प्लास्टर गिर चुका है. गनीमत है कि दोनों ही मौकों पर वहां कोई मौजूद नहीं था. सदर अस्पताल का निर्माण छह दशक पूर्व हुआ है. हालांकि एक दशक पूर्व इसके […]
गिरिडीह :जर्जर सदर अस्पताल में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. दस दिनों में अस्पताल के वार्ड के करीब दो बार छत का प्लास्टर गिर चुका है. गनीमत है कि दोनों ही मौकों पर वहां कोई मौजूद नहीं था. सदर अस्पताल का निर्माण छह दशक पूर्व हुआ है. हालांकि एक दशक पूर्व इसके मरम्मत पर 1.42 करोड़ खर्च किये गये थे, पर पुन: इसकी स्थिति जर्जर हो गयी है.
बरामदा के अलावा कई कार्यालय जर्जर : सिविल सर्जन चैंबर को छोड़ सदर अस्पताल का बरामदा सहित कई कार्यालय की स्थिति जर्जर है.
सीएस कार्यालय, जिला कार्यक्रम प्रबंधन इकाई का कार्यालय, मास मीडिया पदाधिकारी सह निश्शक्तता प्रमाण पत्र निर्गत केंद्र, उपाधीक्षक चैंबर जैसे स्थानों में भी कई के छत का प्लास्टर गिर चुका है. इन स्थानों पर कार्यरत कर्मियों में हमेशा भय की स्थिति बनी रहती है. सिविल सर्जन कार्यालय व जिला कार्यक्रम प्रबंधन इकाई कार्यालय में कुल मिलाकर छह बार छत का प्लास्टर गिर चुका है. पर सौभाग्य रहा है कभी कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ है. जनरल वार्ड के आसपास भी भवन की स्थिति जर्जर है.
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