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रांची : सुविधाएं मिलने के बाद भी कोल इंडिया का अस्पताल स्तरीय नहीं होना चिंताजनक

रांची : कोल इंडिया के चिकित्सकों के सम्मेलन (सिमिकॉन-2020) में सीसीएल के सीएमडी गोपाल सिंह ने कहा कि सीसीएल या कोल इंडिया के पास चिकित्सकों की अच्छी टीम है. यहां के चिकित्सक किसी निजी कॉलेजों से पढ़ कर नहीं आये हैं. कई मामलों में विशेषज्ञ भी हैं. कंपनी के पास पैसे की कोई कमी नहीं […]

रांची : कोल इंडिया के चिकित्सकों के सम्मेलन (सिमिकॉन-2020) में सीसीएल के सीएमडी गोपाल सिंह ने कहा कि सीसीएल या कोल इंडिया के पास चिकित्सकों की अच्छी टीम है. यहां के चिकित्सक किसी निजी कॉलेजों से पढ़ कर नहीं आये हैं. कई मामलों में विशेषज्ञ भी हैं.
कंपनी के पास पैसे की कोई कमी नहीं है. यहां हर तरह के संसाधन उपलब्ध कराये जा सकते हैं. इसके बावजूद कंपनी के अस्पताल बहुत स्तरीय नहीं होते हैं. यह चिंता का विषय है. ऐसा क्यों है? यह समझने की जरूरत है. चिकित्सकों के इस सम्मेलन की अनुशंसा में इस विषय को भी शामिल किया जाना चाहिए. श्री सिंह शुक्रवार को कोल इंडिया के चिकित्सकों के सम्मेलन का उदघाटन करने के बाद बोल रहे थे.
सीएमडी ने कहा कि चिकित्सा का पेशा काफी महत्वपूर्ण है. कोल इंडिया की विभिन्न कंपनियों में करीब 1500 चिकित्सक होंगे. इसमें से सिर्फ 50 चिकित्सक ही अपना पेपर प्रस्तुत कर रहे हैं. ऐसे चिकित्सकों को प्रोत्साहन दिलाने का प्रयास होगा. इस तरह के आयोजन में अधिक से अधिक चिकित्सक हिस्सा लें. यह भी प्रयास होना चाहिए. निदेशक तकनीकी भोला सिंह ने कहा कि हम जितना कोयला निकालते हैं, उतना ही देश की सेवा करते हैं. 70 फीसदी स्टील प्लांटों को कोल इंडिया से ही कोयला मिलता है.
देश सेवा करने वालों को अच्छी चिकित्सा सुविधा मिलनी चाहिए. कोल इंडिया के पूर्व कार्यकारी निदेशक (चिकित्सा) डॉ ओपी सक्सेना ने कहा कि डॉक्टरों को जीवन भर सीखना चाहिए. इस पेशा में तकनीकी में हर दिन बदलाव होता है. इसका ज्ञान होना चाहिए. इस मौके पर मैक्स अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ राजीव राठी, मेडिका ग्रुप के चेयरमैन डॉ आलोक राय, आइआइसीएम के कार्यकारी निदेशक डॉ पीसी मिश्रा व सीसीएल के निदेशक वित्त एनके अग्रवाल ने भी अपने विचार रखे. अतिथियों का स्वागत सीसीएल के सीएमएस डॉ सीपी धाम ने किया.
फल व सब्जियों का नियमित सेवन करें : कोल इंडिया चिकित्सकों के सम्मेलन में आयोजित डॉ एमपी सिंह ओरेशन के दौरान कोल इंडिया के पूर्व चिकित्सा निदेशक डॉ राकेश आर्या ने कहा कि हमारे शरीर के अंदर आंतों में अरबों जीवाणुओं का वास होता है. ये जीवाणु हमारे शरीर के लिए अत्यंत लाभकारी होते हैं. यदि किसी कारणवश इनकी संख्या में कमी आ जाती है, तो इसके गंभीर व दूरगामी परिणाम शरीर पर पड़ सकते हैं .
इसलिए हमें पूरी कोशिश करनी चाहिए की हमारे शरीर में इन जीवाणुओं का संतुलन ठीक से बना रहे. इसके लिए हमें फलों और सब्जियों का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए. अनावश्यक रूप से एंटीबायोटिक का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. ईश्वर की बनायी हुई सभी खाने की चीजों का इस्तेमाल करें.

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