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48 मजदूर मलयेशिया में फंसे

गिरिडीह, बोकारो हजारीबाग के रहनेवाले हैं सभी मजदूर जून 2018 को ट्रांसमिशन लाइन में काम कराने चेन्नई का संवेदक ले गया मलयेशिया बगोदर : झारखंड के 48 मजदूर मलयेशिया के बेलटू शहर में फंसे हैं. इन मजदूरों ने सोशल मीडिया में अपनी परेशानी का वीडियो शेयर किया है. फंसे मजदूरों में बगोदर प्रखंड के सुनील […]

गिरिडीह, बोकारो हजारीबाग के रहनेवाले हैं सभी मजदूर

जून 2018 को ट्रांसमिशन लाइन में काम कराने चेन्नई का संवेदक ले गया मलयेशिया
बगोदर : झारखंड के 48 मजदूर मलयेशिया के बेलटू शहर में फंसे हैं. इन मजदूरों ने सोशल मीडिया में अपनी परेशानी का वीडियो शेयर किया है. फंसे मजदूरों में बगोदर प्रखंड के सुनील साव, अजीत राणा तथा तिरला के संतोष महतो शामिल हैं. शेष मजदूर हजारीबाग, गिरिडीह और बोकारो जिले के विभिन्न प्रखंडों के हैं.
सभी मजदूर केइसी इंटरनेशनल कंपनी में ट्रांसमिशन लाइन में बीते साल जून 2018 को चेन्नई के एक संवेदक के माध्यम से काम करने गये थे. वीडियो में मजदूरों ने कहा है कि संवेदक ने इनसे 20-20 हजार रुपये भी काम दिलाने के एवज में लिये थे. मजदूरों को अच्छा-खासा मानदेय का लालच देकर ले जाया गया था, लेकिन कंपनी ने मजदूरों को इन सारी सुविधाओं से वंचित रखा और जनवरी माह से अब तक की मजदूरी नहीं दी गयी है. उनका पासपोर्ट भी कंपनी के अधिकारियों ने रख लिया है.
दो कमरों में 48 मजदूर : सोशल मीडिया में अपनी तस्वीरें पोस्ट कर मजदूरों ने बताया कि कंपनी समय पर वेतन नहीं दे रही है. मजदूरी मांगने पर उनके साथ अभद्र व्यवहार किया जाता है. 48 मजदूरों को महज दो कमरे में रखा गया है. उन्हें जंगली क्षेत्र में रखा गया है, जहां खाने-पीने की भी समस्या है. कंपनी के संवेदक ने काम दिलाने से पहले एकरारनामा में खाने-पीने की सुविधा कंपनी द्वारा दिये जाने की बात कही थी, लेकिन उन्हें सुविधाओं से वंचित रखा गया है. सोशल मीडिया के माध्यम से मजदूरों ने भारत सरकार से वतन वापसी कराने की गुहार लगायी है.

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