धालभूमगढ़.
विश्व पर्यटन दिवस पर आमाडुबी-पानीजिया ग्रामीण पर्यटन केंद्र में स्थानीय संस्कृति, पेंटिंग और लोकनृत्य से संबंधित कार्यक्रम किया गया. यहां बतौर मुख्य अतिथि बीडीओ बबली कुमारी, पाटकार पेंटिंग गुरु अनिल चित्रकार, विजय चित्रकार, पर्यटन समिति के सचिव कमलकांत गोप और कला मंदिर की देवश्री मिश्रा ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया. आसपास के गांवों के लोक कलाकारों और पाटकार चित्रकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी. आदिवासी नृत्य दलों ने पारंपरिक लोक नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. पेंटिंग गुरु अनिल चित्रकार ने लोक गायन प्रस्तुत कर कार्यक्रम को और जीवंत बना दिया. बीडीओ बबली कुमारी ने कहा कि कला-संस्कृति, खेल एवं युवा कार्य विभाग, आमाडुबी ग्रामीण पर्यटन समिति और कलामंदिर के संयुक्त प्रयास से क्षेत्र की पारंपरिक व सांस्कृतिक धरोहर और पाटकर कला को संरक्षित किया जा रहा है. ग्रामीण पर्यटन हमारे सांस्कृतिक वैभव को जीवित रखने का सशक्त माध्यम है. इसकी मदद से न केवल सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण होता है, बल्कि रोजगार और आर्थिक सशक्तीकरण के नये अवसर पैदा होते हैं.लोक कलाकारों ने प्रस्तुति से बांधा समां
स्थानीय कलाकारों ने झारखंड के लोकनृत्य और संगीत की प्रस्तुति दी. उन्होंने सरफा, दसईं और बाहा नृत्य से दर्शकों को खूब झुमाया. वहीं, आदिवासी वाद्ययंत्र बनाम, केंदरी, तुइला, तमाक और भुआंग का आनंद लिया. पाटकर पेंटिंग गुरु अनिल चित्रकार ने लोक गीत प्रस्तुत किया. बीडीओ ने ग्रामीणों के साथ पौधरोपण किया. मौके पर विजय चित्रकार, अनिल चित्रकार, द्रौपदी गोप, परेश चित्रकार, परेश गोप, योगेश साहू, मिनार महतो, रहील, राइमट मार्डी उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

