धनबाद : झरिया विधायक संजीव सिंह ने बुधवार को कहा कि पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह की हत्या में उनकी कोई भूमिका नहीं है. यह हत्या नीरज के मौसेरे भाई हर्ष सिंह ने करायी है. सीबीआइ जांच हो तो दूध का दूध, पानी का पानी हो जायेगा. कई चेहरे बे-नकाब हो जायेंगे. नीरज हत्याकांड में धनबाद जेल में बंद संजीव बुधवार को नामांकन करने समाहरणालय पहुंचे थे.
इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में विधायक ने कहा कि उनका अपने चचेरे भाई नीरज सिंह से जमीन या संपत्ति को लेकर कोई विवाद नहीं था. राजनीतिक मतभेद जरूर थे. नीरज की हत्या से किसे लाभ हुआ यह जनता जानती है. धैया के हर्ष सिंह ही पूरे कांड का मास्टरमाइंड है. इस हत्याकांड में मुन्ना बजरंगी का नाम आया. उसे किसने धन मुहैया कराया. इन सबकी जांच सीबीआइ से होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि नीरज सिंह की हत्या से उन्हें क्या फायदा हुआ. जब नीरज सिंह जीवित थे, तभी उनका राजनीतिक कद बढ़ा और झरिया की जनता के आशीर्वाद से विधायक बने. ऐसा तो नहीं था कि उनकी हत्या के बाद मुझे उनकी राजनीतिक विरासत मिल गयी या पुरखों की जमीन मेरे नाम हो गयी. उनकी हत्या से जिनको लाभ मिलना था, उन्हें मिल गया. नीरज सिंह की हत्या में उन्हें इसलिए फंसाया जा रहा है, क्योंकि हर्ष जानता था, कि अगर संजीव सिंह बाहर रहेगा तो उन्हें राजनीतिक लाभ नहीं मिल सकेगा. आज हर जगह हर्ष व एकलव्य सिंह रंगदारी मांग रहे हैं. जबकि सिंह मेंशन के किसी सदस्य ने आज तक किसी से रंगदारी नहीं ली.
नीरज, एकलव्य ने विकास के लिए क्या किया : श्री सिंह ने कहा कि चुनाव के वक्त रघुकुल वाले झरिया में विकास नहीं होने का आरोप लगाते हैं. पिछले दस वर्षों से रघुकुल के नीरज सिंह (अब स्वर्गीय) एवं एकलव्य सिंह डिप्टी मेयर हैं. रघुकुल बताये कि उन लोगों ने झरिया के लोगों के लिए क्या किया. आरएसपी कॉलेज को झरिया में ही वापस लाने के लिए जमीन आवंटित हो चुकी है. आरएसपी टू नामक डिग्री कॉलेज भी बन रहा है.