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विधानसभा चुनाव : धनबाद के पार्ट टाइम पॉलिटिशियन चुनावी अखाड़े में उतरने को बेताब

– दावेदारों का है अपना गणित, रांची से दिल्ली तक लगा रहे दौड़ संजीव झा, धनबाद कोयलांचल में व्यवसायी से लेकर वकील तक चुनावी अखाड़ा में उतरने को बेताब हैं. हर किसी को लग रहा है कि राजनीति की डगर बहुत आसान है. ऐसे राजनीतिज्ञ इसके लिए रांची से लेकर दिल्ली तक दौड़ लगा रहे […]

– दावेदारों का है अपना गणित, रांची से दिल्ली तक लगा रहे दौड़

संजीव झा, धनबाद

कोयलांचल में व्यवसायी से लेकर वकील तक चुनावी अखाड़ा में उतरने को बेताब हैं. हर किसी को लग रहा है कि राजनीति की डगर बहुत आसान है. ऐसे राजनीतिज्ञ इसके लिए रांची से लेकर दिल्ली तक दौड़ लगा रहे हैं. धनबाद विधानसभा सीट पर फुल टाइम के साथ-साथ नये व पार्ट टाइम पॉलिटिशियन की नजरें लगी हुई हैं.

सबसे ज्यादा दावेदार इसी विधानसभा क्षेत्र में हैं. यहां भाजपा व कांग्रेस का टिकट को लेकर मारा-मारी है. सबसे कम दावेदार झरिया व बाघमारा में हैं. सिंदरी, निरसा में भी खासे दावेदार हैं. लेकिन, इन क्षेत्रों में ज्यादातर पुराने राजनीतिज्ञ ही हैं.

कौन-कौन हैं दावेदार, क्या है दावा

राजीव शर्मा : जिला चेंबर के पूर्व अध्यक्ष, जीटा के महासचिव. वर्ष 2014 से भाजपा में हैं. राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य भी हैं. लेकिन, इनकी पहचान भाजपा नेता से ज्यादा चेंबर नेता के रूप में है. धनबाद विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं. उनका दावा है कि धनबाद में विकास के कई काम हैं, जो अब तक नहीं हो पाये हैं. दावा करते हैं कि यहां की आवाज को विधानसभा में सही तरीके से उठा सकते हैं.

अमरेश सिंह : बिल्डर से राजनीतिज्ञ, क्रेडेआइ धनबाद शाखा के अध्यक्ष हैं. आरएसएस के जरिये भाजपा की राजनीति में प्रवेश किया. पिछले वर्ष यहां क्रीड़ा भारती के कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर भाग लिया. पूरे शहर को होर्डिंग, बैनर से पाट कर खुद को भाजपा का युवा नेता घोषित किया. पिछले माह सीएम के जोहार जन आशीर्वाद यात्रा में भी खुद को स्थापित करने का प्रयास किया. धनबाद से चुनाव लड़ने को इच्छुक. एक केंद्रीय मंत्री के रिश्तेदार. कहते हैं कि राजनीति में युवाओं को प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए. अपने को पुराने संघी बताते हैं.

प्रियंका पाल : धनबाद प्रखंड से जिला परिषद सदस्य. कुछ माह पूर्व ही भाजपा में शामिल हुईं. पति देवाशीष पाल भी भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य हैं. सीएम के जोहार जन आशीर्वाद यात्रा में जमकर बैनर, होर्डिंग लगाया. तोरणद्वार बनवा कर लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचा. लगातार क्षेत्र में अभियान चला रही हैं. धनबाद से विधायक बनने की इच्छा है. कहती हैं कि महिलाओं को राजनीति में आगे आने का मौका मिलना चाहिए.

संजीव अग्रवाल : भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य. बिल्डर से राजनीतिज्ञ बने. धनबाद विधानसभा क्षेत्र से टिकट के दावेदार. खुद को बाल स्वयंसेवक बताते हैं. आरएसएस में अच्छी पकड़. पिछले कुछ वर्षों से भाजपा की राजनीति में सक्रिय. कहते हैं कि स्वच्छ छवि के लोगों को राजनीति में आगे आना चाहिए. जनता भी समाज में परिवर्तन चाहती है. खासकर राजनीति में.

नंदलाल अग्रवाल : कोयला एवं लोहा के कारोबार में जाना-पहचाना नाम. कुछ माह पूर्व ही भाजपा के सक्रिय सदस्य बने. सिंदरी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की इच्छा. क्षेत्र में गतिविधियां बढ़ा चुके हैं. अपने को पुराना भाजपाई बताते हैं. संघ से भी पुराना नाता. रांची, दिल्ली दरबार के संपर्क में हैं. कहते हैं कि सिंदरी क्षेत्र में नयी सोच के साथ विकास करने के इरादे से चुनाव लड़ना चाहते हैं.

अपूर्व लाल : सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता. पिता बबन लाल (अब स्वर्गीय) धनबाद बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रह चुके हैं. खुद को भाजपा के संस्थापक सदस्य बताते हैं. कुछ माह से लगातार धनबाद विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय. पार्टी के मंडल अध्यक्षों से संपर्क स्थापित कर समर्थन हासिल करने में लगे हैं. भाजपा के प्रदेश प्रभारी के नजदीकी रिश्तेदार बताये जाते हैं. कहते हैं कि धनबाद के लोगों का कर्ज है. समाज का कर्ज उतारने को चुनाव लड़ना चाहते हैं.

विनय सिंह : धनबाद बिल्डर एसोसिएशन के अध्यक्ष, धनबाद क्रिकेट संघ के महासचिव सहित कई व्यवसायिक व सामाजिक संगठनों से जुड़े हैं. पिता रामनाथ सिंह (अब स्वर्गीय) का झरिया क्षेत्र में खासा प्रभाव रहा है. राजनीति के मैदान में धनबाद से उतरना चाहते हैं. कई दलों के संपर्क में हैं. सामाजिक व खेल संगठनों में अपनी पहचान व संबंध के आधार पर यहां नयी पारी शुरू करना चाहते हैं. कहते हैं कि समाजसेवा में तो बहुत लंबे समय से लगे हैं. राजनीति के जरिये यहां की समस्याओं का स्थायी समाधान करना चाहते हैं.

अशोक कुमार सिंह : झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष, गोविंदपुर प्रखंड से जिला परिषद सदस्य. लोकसभा चुनाव के समय कांग्रेस में औपचारिक रूप से शामिल हुए. धनबाद विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहते हैं. यहां से दिल्ली तक दावा ठोके हुए हैं. कहते हैं कि पैसा कमाने के लिए नहीं, समाज को कुछ देने के लिए सक्रिय राजनीति में आये हैं. बचपन से कांग्रेस से नाता रहा है. हमेशा पार्टी के हित में काम किया. टिकट मिला तो यहां की तस्वीर बदल देंगे.

रमा सिन्हा : बिल्डर से राजनीतिज्ञ बनी. अभी प्रधानमंत्री जन कल्याणकारी योजना प्रचार प्रसार अभियान की जिलाध्यक्ष हैं. धनबाद विधानसभा से चुनाव लड़ना चाहती हैं. खुद को भाजपा का पुराना व समर्पित कार्यकर्ता बताती हैं. यहां पर सामाजिक कार्यक्रमों में भी खासा सक्रिय रह रही हैं. कहती हैं कि अगर पार्टी नेतृत्व टिकट देती है तो जिम्मेदारी लेने से पीछे नहीं हटेंगी. उन्हें जनता का भी विश्वास प्राप्त है.

काजल नाग : बिल्डर से राजनीति में आये. खुद धनबाद में रहते हैं. लेकिन, भाजपा की टिकट पर निरसा से चुनाव लड़ना चाहते हैं. 2014 में भी भाजपा के टिकट के लिए दावा ठोंका था. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के नजदीकी माने जाते हैं. उनका कहना है कि निरसा से पार्टी को किसी धरती पुत्र को टिकट देना चाहिए.

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